कांग्रेस नेता का आरोप – जमीन गाइडलाइन को लेकर भाजपा की जनविरोधी मानसिकता से पूरा प्रदेश त्रस्त
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला कांग्रेस अध्यक्ष शाखा यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जमीन गाईडलाईन को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। बढ़े हुए गाईड लाईन की दर को लेकर सभी शहरों व ब्लाक स्तर तक कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही हैं साथ ही विरोध कर रहे कारोबारियों, आम नागरिकों पर भाजपा सरकार के द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज करवाया जा रहा है। महिलाओं तक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। प्रदेश बीजेपी की सरकार ने अपना फैसला जनता पर जबरिया थोपा है। जनता जब उसका विरोध करती है तो सरकार उन पर दमनात्मक कार्यवाही करती है।
शाखा यादव ने बताया कि गाइड लाइन के विरोध में भाजपा के वरिष्ठ नेता भी खुल कर सामने आ चुके हैं, लेकिन उनकी भावनाओं की भी अनदेखी हो रही है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल न केवल छत्तीसगढ़ में भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं, बल्कि राजधानी रायपुर लोकसभा के जनप्रतिनिधि भी हैं। उनका भी कहना है कि षड्यंत्र के तहत भूमाफ़ियाओं को फ़ायदा पहुँचाने के लिए भूमि ख़रीदी हेतु कलेक्टर गाइड लाइन में अचानक 100 से 800 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है, तत्संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री को इस अव्यवहारिक वृद्धि को स्थगित कर पुनर्विचार हेतु पत्र लिखा था।
शाखा यादव ने आगे कहा कि प्रदेश भर में व्यापारी सड़क पर हैं। जनआक्रोश चरम पर है. छत्तीसगढ़ सरकार ने न तो जनआक्रोश का संज्ञान लिया और न ही अपने वरिष्ठतम नेता का। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जवाब दे कि वे अपनी सरकार के द्वारा जनता पर थोपे गये इस फैसले को लेकर चुप क्यों है? जनता को उनके जवाब का इंतजार है। मुख्यमंत्री अपने वित्त मंत्री के तुगलकी फैसले के बारे में मौन व्रत छोड़कर सामने आये। न किसी से चर्चा, न सुझाव, न ही दावा आपत्ति का अवसर, अचानक अनुचित फैसले थोप दिये गये। सरकार पहले भूमि के गाईडलाईन दरों में कांग्रेस सरकार के समय दिये जाने वाले 30 प्रतिशत छूट को समाप्त कर दिया। अब अचानक से जमीनों की सरकारी कीमत 10 से 400 प्रतिशत बढ़ा दिया, मतलब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद भूमि की सरकारी कीमत 40 से 430 प्रतिशत बढ़ गयी, इससे जमीन व्यवसाय ठप्प हो गया।

यादव ने बताया कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी की मनमानी, अनुभवहीनता के कारण प्रदेश में हर वर्ग का सपना टूटा है। जमीन गाइडलाइन दर में 10 से लेकर 850 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है। ऐसी वृद्धि देश मे कही नही हुई है। इसका सीधा नुकसान गरीब आदमी किसान मध्यवर्ग को होगा। न तो अपना खुद का घर बनाने जमीन खरीद पायेगे न ही जरूरत पर अपनी जमीन बेच पायेंगे। सरकार को अपने तुगलकी फरमान को वापस लेना होगा, क्योंकि ये फरमान जन आक्रोश का कारण बन सकता है व किसी भी तरीके से ये अनुचित फैसला है। अगर सरकार अपने फैसले को बदल कर पुरानी गाइड लाइन दरों को लागू नहीं करती तो सरकार को इसका भारी विरोध और जनाक्रोश झेलने को तैयार रहना होगा।
