रायगढ़ (सृजन न्यूज)। देश के सबसे बड़े पंचायत यानी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होने के दूसरे रोज भाजपा प्रत्याशी राधेश्याम राठिया अपने गृहग्राम के पुश्तैनी खेत गए। किसान पुत्र राधेश्याम ने और खेत में लगाए मूंगफली, उड़द और धान फसल की टोह लेते हुए अपनी चुनावी थकान मिटाई।
रायगढ़ जिले के घरघोड़ा मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर छर्राटांगर है राधेश्याम राठिया का मूल निवास। आदिवासी परिवार से जुड़े राधेश्याम चूंकि किसान पुत्र हैं इस लिहाज से बंजर जमीन में हल चलाकर उसमें हरियाली बिखेरना ही इनका मुख्य लक्ष्य रहता है। किशोरावस्था से खेती कार्य में जुड़े राधेश्याम पर भाजपा ने इस मर्तबे दांव खेला है। यही वजह रही कि भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार बनते ही राधेश्याम चुनावी जनसंपर्क में इस कदर रमे कि खेत खलिहान की सुध लेने का वक्त भी इनको नसीब नहीं हुआ।
पहले मिटाई थकान फिर पहुंचे खेत
7 मई को मतदान होते ही रात अपने परिवार के साथ बिताने वाले राधेश्याम काफी दिनों के बाद 8 मई की सुबह 7 बजे सोकर उठे। नहाकर तैयार हुए और नाश्ता किया। दोपहर भोजन के बाद राधेश्याम आराम के मूड में थे, मगर साथियों और भाजपा कार्यकर्ताओं के लगातार फोन घनघनाने से वे जवाब देने में ही बिजी रहे। धूप की तपिश कम होते ही शाम को राधेश्याम अपने खेत गए और वहां परिजनों द्वारा लगाए मूंगफली, उड़द तथा धान फसल की सुध ली।
65 दिन तक किया तूफानी जनसंपर्क
भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2 मार्च को किए अधिकृत घोषणा में राधेश्याम राठिया को रायगढ़ लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया गया। इसके बाद राधेश्याम की दिनचर्या ऐसी बदली कि 6 मई तक रायगढ़ और जशपुर सहित सारंगढ़ क्षेत्र में 65 रोज तक उनको तूफानी दौरा करना पड़ा। यही कारण है कि मतदान होने के बाद खेत खलिहान की याद आने पर राधेश्याम वहां गए और किसान पुत्र होने का फर्ज निभाया।