भाजपा शासन में किसान झेल रहे खाद बीज और उर्वरक की कमी : विकास शर्मा
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रभारी महामन्त्री विकास शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अंचल के सोसायटी में डीएपी खाद की भारी कमी के कारण किसान न केवल दरबदर भटकने मजबूर हैं, बल्कि उनको ऊंचे दामों में बाजार से खाद बीज खरीदना पड़ रहा है। कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ है। चाहे वो लोकसभा हो विधानसभा हो या फिर सड़क मेंआंदोलन की बात।राज्य की साय सरकार एक सप्ताह में जिले में खाद बीज और उर्वरक की कमी पूरी नहीं करती है तो जिला कांग्रेस कमेटी किसान हित के लिए आंदोलन करने बाध्य रहेगी।
कांग्रेस नेता विकास शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार की अकर्मयता और संवेदनहीनता के चलते छत्तीसगढ़ के किसान खाद और बीज के लिए भटक रहे हैं। 2024-25 के लिए जो खाद और बीज डबल लॉक के गोदामों में रखे गए हैं, वहां से सिंगल लॉक की सोसायटियों तक पहुंचने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं है। आशंका तो यह भी है कि खाद और बीज डबल लॉक के गोदाम में भी नहीं है। परिवहन तो केवल बहाना है जिससे सरकार अपनी नाकामी छिपा सके। जिले के लगभग 60 प्रतिशत सोसायटियों में खाद और बीज का पर्याप्त स्टॉक नहीं हैं जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। सरकार के पास किसान हितों की रक्षा की कोई योजना ही नहीं है। पहले मोदी सरकार ने खाद सुरक्षा में भारी कटौती की, फिर भूमि सुधार के कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ को उपेक्षित रखा गया। अब छत्तीसगढ़ में बीजेपी के डबल इंजन की सरकार बनने के बाद भी खाद और बीज के लिए किसानों को तरसना पड़ रहा है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय जैविक खेती के लिए रियायती दरों पर वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट की जो व्यवस्था थी, उसको भी साय सरकार ने बाधित करने का काम किया है। असलियत यह है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता ही नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ के किसान भरपूर पैदावार ले सके। जब किसानों से मिले तो उन्होंने अपनी परेशानियां बताई जो धान बीज तथा पतला धान इसके अलावा कृषि उपकरण एवं दवाइयां पहले से कहीं ज्यादा महंगी हो गई है। दूसरी ओर सरकारी कृषि यांत्रिकी विभाग से 450 रुपये प्रति घन्टे में जोताई व रोपाई के समय मिलने वाले ट्रैक्टर की सेवाओं को भी सरकार ने बन्द कर रखा है इससे किसानों को बाजार में 1200 रुपये प्रति घन्टे की दर से ट्रैक्टर लेने मजबूर होना पड़ रहा है।
विकास शर्मा ने आगे कहा कि खरसिया विधायक और किसानों के हितों की बात हमेशा प्रमुखता से उठाने वाले उमेश पटेल ने विधानसभा में भी कहा है कि रायगढ़ में ऐसे मामले सामने आए, जहां किसानों को लगातार 26 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ा रहा है। ट्रांसफार्मर भी काम नहीं कर रहे हैं। खाद बीज का विकराल संकट बना हुआ है। भाजपा की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ में निजी और सरकारी खाद, बीज और कीटनाशक के गोदामों में स्टॉक का भौतिक सत्यापन और जांच बंद है। छत्तीसगढ़ में विगत 6 महीनों से खाद, बीज के सैंपल जांच के दिये बनाये गये प्रयोगशाला अघोषित तौर पर बंद कर दिए गए हैं। भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लिए कोचिए, बिचौलियों, मिलावटखोर और जमाखोरों का बोलबाला है।
खाद, बीज और कीटनाशकों के गुणवत्ता में कमी महापाप है। अन्नदाता किसान भरपूर पैदावार लेने के लिए जी तोड़ मेहनत करते है, यदि बीज ही अमानक निकल जाए, एक्सपायरी नैनो यूरिया किसानों को बेचा जाए तो पैदावार में होने वाले नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है। भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार तत्काल अमानक बीज और नकली खाद से किसानों को हुए नुकसान का मूल्यांकन करा करके किसानों को हुई क्षति का उचित मुआवजा दे।