Home रायगढ़ न्यूज 100 बरस होने पर जोगेश्वर शिव मंदिर में शताब्दी महोत्सव 10 मई से

100 बरस होने पर जोगेश्वर शिव मंदिर में शताब्दी महोत्सव 10 मई से

by SUNIL NAMDEO EDITOR

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला विकासखण्ड के गौरव ग्राम बड़े नवापारा में जोगेश्वर शिव मंदिर एक ऐसा देवालय है, जो 100 साल पुराना है। तालाब के बीच में स्थित इस मंदिर की खासियत है कि इसे बनाने में कहीं भी सीमेंट या छड़ का उपयोग नहीं किया गया है। यही कारण है कि अपने भीतर वैभव को समेटे इस प्राचीन मंदिर में 10 मई से तीन दिवसीय शताब्दी महोत्सव मनाया जाएगा।

                            इस शिव मंदिर के निर्माण और तकनीकी विषय के अनुसार यह मंदिर सौ वर्ष पूर्व वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया यानी 3 जून 1924 को बड़े नावापारा के स्व. जागेश्वर गौटिया ने स्वयं के संसाधनों से बनवाया था। उसके निर्माण में ईंट, पत्थर की जुड़ाई का गारा बालू, चूना, गुड़, बबलू का गोंद जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग हुआ है। छड़ और सीमेंट तो बिल्कुल भी नहीं लगा है। मंदिर एक तालाब के मध्य में निर्मित है। मुख्य मंदिर में जाने के लिए पुल बनाया गया है। जिस तालाब के मध्य में मंदिर है, वहीं का पानी केवल भगवान शिव के अभिषेक के लिए उपयोग होता है। फिर अभिषेक किया हुआ पानी बहकर एक और पुलिया – सह नाली के माध्यम से एक बड़े तालाब में गिरता है जिसमें लोग स्नान करते हैं। मतलब भगवान शिव के अभिषेक जल में स्नान किया जाता है।

                      जोगेश्वर शिव मंदिर की चारों दिशाओं में उनके सहयोगी देवी देवताओं का भी मंदिर है। आश्चर्य की बात ये है कि पानी के मध्य में सौ वर्षों से मंदिर रहने पर भी किसी भी प्रकार की क्षति नहीं हुई है। मंदिर की देखरेख स्व. जागेश्वर गौटिया के पुत्र स्व. केशवचंद्र साहा (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी),  स्व. देवराज साहा, स्व.भास्कर साहा ने अपने जीवन काल में किया। उसके पश्चात उनके पौत्र स्व.घनश्याम साहा, स्व. रोहित साहा, स्व. चिंतामणि साहा ने किया। वर्तमान में बड़े गौटिया घर से टेकराम साहा, मंझला गौटिया घर से तुलाराम साहा, जादव साहा, मनोहर साहा, छोटे गोटियां घर से पुरंदर साहा, परमानंद साहा, पुरूषोत्तम साहा और उनके पुत्रों द्वारा किया जा रहा है। मंदिर में पुजारी हमेशा उपलब्ध रहते हैं। उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी गौटिया परिवार का ही है।मंदिर पूर्णतः निजी तौर से संचालित है।

                      मंदिर के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी महोत्सव का तीन दिवसीय आयोजन है। प्रथम दिवस 10 मई को नाग देवता की प्राण प्रतिष्ठा, द्वितीय दिवस 11मई को भगवान शिव का रूद्राभिषेक और पूजा के बाद अंतिम दिवस 12 मई को रूद्राभिषेक पूर्णाहुति एवं भंडारा होगा। यह जानकारी ललित कुमार साहा (बड़े गौंटिया) ने देते हुए धर्मावलंबियों से अपील की है कि सभी शिव भक्त अधिक से अधिक संख्या में पधार कर भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त करें।

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