रायगढ़ (सृजन न्यूज)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी परिपत्रानुसार भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को निरस्त कर जी राम जी के नाम से एक विधेयक पेश कर आनन फानन में संसद में पास करवा लिया जो काफी चिंताजनक और सुनियोजित कदम है। इसके विरोध में पूरे देश में धरना प्रदर्शन हो रहा है। रायगढ़ के गांधी प्रतिमा के पास जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण और शहर अध्यक्ष द्वय नगेंद्र नेगी एवं शाखा यादव के नेतृत्व में सरकार की इस अन्यायपूर्ण नीति के विरुद्ध हुंकार भरी।

विदित हो कि यह कोई सामान्य विधायी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि सोची समझी राजनीतिक चाल है। इसका उद्देश्य एक ऐतिहासिक, अधिकार आधारित जनकानून को कमजोर करना और भारत के प्रतिष्ठित कल्याणकारी कानून से महात्मा गांधी का नाम तथा उनके मूल्यों को मिटाने का राजनीतिक प्रयास है।
पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने कहा कि मनरेगा को 5 सितम्बर 2005 को कांग्रेस की सरकार ने विधान द्वारा अधिनियमित किया गया। यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है जो प्रतिदिन 220 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए लागू हुई थी, जिसे भाजपा ने नाम और स्वरूप बदल कर संसद में पारित करवा दिया। जिला शहर कांग्रेस के अध्यक्ष शाखा यादव ने कहा कि जी राम जी योजना मनरेगा को कमजोर करेगी और मजदूरों के अधिकारों को प्रभावित करेगी। इस योजना से राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा और मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं मिलेगा मनरेगा का नाम बदल कर जी राम जी योजना के नाम पर लागू होने से मजदूरों को कई दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। योजना के तहत रोजगार के दिनों की संख्या बढ़ाई गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह रोजगार नियमित और समय पर मिलेगा या नहीं। इसके अलावा, योजना के तहत मजदूरी का भुगतान बायोमीट्रिक और आधार आधारित होगा, जिससे मजदूरों को अपने काम के लिए भुगतान मिलने में समस्या हो सकती है।
जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष नगेंद्र नेगी ने अपने संबोधन में मनरेगा की जगह नाम बदल कर जी राम जी करने वाली केंद्र सरकार से दो टूक शब्दों में कहा कि जिस योजना को लागू करने में कांग्रेस की मंशा गरीब मजदूर व ग्रामीण पिछड़े किसान वर्ग को रोजगार मुहैया कराने की थी और जिसे लागू करने में प्रबुद्ध वर्गों से जानकारों से एक प्रक्रियाबद्ध तरीके से मसौदा तैयार करने में एक वर्ष का समय लगा था उस योजना को बीजेपी सरकार द्वारा नाम बदलकर आनन फानन में महज एक दिन में सदन से अपने तानाशाही अंदाज से महात्मा गांधी का नाम हटा कर व योजना के मूल स्वरूप में छेड़छाड़ कर पारित करवा लेने का हम कांग्रेसजन सड़क से लेकर संसद तक तब तक विरोध करेंगे, जब तक पूर्व मनरेगा योजना कानून पुनः लागू नहीं किया जाता। भाजपा द्वारा जबरिया देश के लोगों के साथ अन्याय व आहत करने वाला कोई भी कानून हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। कार्यक्रम का संचालन विकास शर्मा ने किया।
धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में मुख्य रूप से जगदीश मेहर, संतोष राय अनिल शुक्ला, दीपक पांडेय, वासु यादव, शेख सलीम नियारिया, जानकी काटजू , हरेराम तिवारी, विकास ठेठवार, संजय देवांगन ,राकेश पांडेय, यतीश गांधी, विकास शर्मा, रानी चौहान, रिंकी पाण्डेय, संपति सिदार, बासु प्रधान, संदीप अग्रवाल, विनोद कपूर, आशीष चौबे, लोकेश साहू, आशीष जायसवाल, नारायण घोरे, मुकुंद पटनायक, रूपेंद्र शर्मा, लता खूंटे, रंजना पटेल, मंजू सिंह, अरुण चौहान, सत्यप्रकाश शर्मा, रवि पांडेय, संजय चौहान, लक्ष्मी साहू, अजहर हुसैन, शारदा गहलोत, वसीम खान, प्रमोद रतन, गणेश अग्रवाल, सुरेश गुप्ता, मिर्जा बेग, संतोष चौहान, संजय देवांगन, मिलन मिश्रा ,मिंटू मसीद, मदन महंत, नरेश जायसवाल, लोकेश साहू, गौरांग अधिकारी, सोनू पुरोहित, अरविंद साहू, दुष्यंत देवांगन, तरुण अग्रवाल, ठण्डाराम बेहरा, कौशिक भौमिक, राजू चौहान उपस्थित थे।
