Home राजनीतिक बीजेपी देश में कंपनी राज लाना चाहती है – अनिल शुक्ला

बीजेपी देश में कंपनी राज लाना चाहती है – अनिल शुक्ला

by SUNIL NAMDEO EDITOR

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने बताया कि देश मे बढ़ती महंगाई बेरोजगारी खास तौर पर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और देश का आर्थिक मंदी के हालातों से गुजरने के हालातों को देखकर ये लगता है कि यदि बीजेपी फिर सत्ता में वापस आई तो कंपनी राज आ जायेगा और जैसा कि उनके इरादों का कुछ बीजेपी नेताओं ने संविधान तक के बदलाव की बात कही है जिससे देश के संविधान को भी खतरा हो सकता है। यद्यपि उनके ये मंसूबे पूरे नहीं होंगे। हम अपने देश को और देश के संविधान को बचाने के लिए जी जान लगा देंगे और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आंच नहीं आने देंगे।

                             अनिल शुक्ला ने आगे कहा कि नफरत की राजनीति खुले आम लोगों के सामने आ चुकी है विगत 10 वर्षों से देश की जनता के साथ वादाखिलाफी करने वाली जुमलों का सहारा लेकर चलने वाली पूरे देश से पूंजी बटोरकर 2 उधोगपति मित्रों की झोली भरने वाली बीजेपी के चाल चरित्र और चेहरे से अब जनता वाकिफ हो चुकी है। अब जनता द्वारा ही बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का वक़्त आ चुका है और इसके सुखद परिणाम जल्द ही हमारे सामने होंगे ।
अनिल शुक्ला ने बताया कि आम जनता से उनका हक और अधिकार छीनने का काम भाजपा की सरकारों ने किया है। युवाओं से रोजगार छीने, महंगाई बढ़ाकर महिलाओं से उनकी बचत छिनी, कृषि की लागत बढ़ाकर किसानों को एमएसपी के अधिकार से वंचित किया, वन अधिकार अधिनियम में संशोधन करके आदिवासियों से जल, जंगल, जमीन के अधिकार छीनें, नंदराज पर्वत बेचें, मित्र के मुनाफे के लिए हसदेव के जंगल कटवा रहे हैं, एनएमडीसी का नगरनार प्लांट बिकने को तैयार है, छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक पिछले डेढ़ साल से राजभवन में कैद है, श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी संशोधन किया, मनरेगा, खाद सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी घटाई । वहीं बढ़ती बेरोजगारी, घटते इनकम और बेहिसाब बढ़ रही महंगाई से जनता बेमौत मर रही। जनता से वसूल कर जो संसाधन अपने मित्रों पर मोदी सरकार लूट रही है उसका उचित प्रबंधन और सामाजिक न्याय की संविधानिक व्यवस्था के तहत वितरण कांग्रेस का वादा है।

                       अनिल शुक्ला ने कहा कि अपनी नाकामियों पर परदेदारी करने तथ्यहीन बयानबाज़ी करके मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेता आम जनता को संपत्ति छीनने का डर दिखा रहे हैं। सामाजिक न्याय हमारे संविधान की मूल भावना है, लेकिन विगत 10 वर्षों में मोदी सरकार ने देश के संसाधनों को केवल अपने पूंजीपति मित्रों पर लुटाया है। आम जनता से बेरहमी से टैक्स वसूलकर सारी राहत, सारी रियायत और तमाम सब्सिडी केवल पूंजीपतियों को दी है। दैनिक उपभोग की वस्तुओं अनाज, दलहन, तिलहन, दूध, दही, पनीर और कपड़ा तक पर बेरहमी से टैक्स वसूल कर 16 लाख करोड़ से अधिक का लोन अपने मित्रों का माफ कर दिया, लेकीन किसानों की कर्जमाफी इनकी प्राथमिकता में नहीं रही। ना एमएसपी के कानूनी गारंटी का वादा निभाया, ना ही किसानों की आय दुगनी हुई, बल्कि कृषि उत्पादन और उपकरणों सहित खाद, बीज, कीटनाशकों पर भारी भरकम जीएसटी लगाकर कृषि की लागत 3 गुना बढ़ा दिए। मोदी राज में देश की कृषि विकास दर ऐतिहासिक तौर पर निम्नतम स्तर पर आ गई है, किसान आत्महत्या बढ़ी।

                      शुक्ला ने आगे बताया कि आईएमएफ के रिपोर्ट में यह उजागर हुआ है कि मोदी राज में देश के कुल आय का 57 प्रतिशत हिस्सा केवल 10 प्रतिशत अपर वर्ग के पास जा रहा है। शीर्ष के एक प्रतिशत पूंजीपतियों के पास देश के कुल आय का 22 प्रतिशत हिस्सा जा रहा है और लगभग आधी आबादी जो निचले स्तर में जीवन यापन करने मजबूर हैं, उनकी आय मोदी सरकार के दौरान विगत 10 वर्षों में 13 प्रतिशत की कमी हुई है अर्थात बेहद स्पष्ट है कि मोदी सरकार में असमानता बढी है। मध्यवर्ग वर्ग और गरीब, और गरीब होता जा रहा है चंद पूंजीपति मित्रों की संपत्ति कई गुना बढ़ रही है। आम जनता की पूंजी और घरेलू बचत ऐतिहासिक तौर पर न्यूनतम स्तर पर है। दूसरी ओर देश के बंदरगाह, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन, नवरत्न कंपनियां, सरकारी उपक्रम, पावर प्रोजेक्ट, सारे संसाधान केवल एक मित्र पर लुटाए जा रहे हैं। शुक्ला ने बताया कि आजादी की लड़ाई से लेकर देश के नवनिर्माण का काम कांग्रेस की सरकारों ने किया अब भारतीय जनता पार्टी देश में फिर से कंपनी राज लाना चाहती है, संविधान को बदलना चाहती है, जो कभी सफल नहीं होगा। पांच न्याय और 25 गारंटी वाले कांग्रेस के न्याय पत्र को जिस तरह से जनता का समर्थन मिल रहा है उससे भाजपा के नेता बौखला गए हैं और अनर्गल बयानबाज़ी करके असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। मोदी सरकार और भाजपा के निष्क्रीय सांसदों के खिलाफ जनआक्रोश चरम पर है। देश की जनता केंद्र में बदलाव का मन बना चुकी है।

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