जशपुरनगर (सृजन न्यूज)। डीपीएस प्राइमरी बालाजी जशपुर में शनिवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे का आयोजन अत्यंत हर्षोल्लास, स्नेह और भावनात्मक वातावरण में किया गया। इस विशेष अवसर पर विद्यालय परिसर दादा-दादी और नाना-नानी की मुस्कान से खिल उठा। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों और उनके दादा-दादी के बीच भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करना तथा पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों को सहेजना था।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुई। नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने अपने दादा-दादी का तिलक कर, पुष्प भेंट कर और आत्मीय स्वागत कर सभी का मन मोह लिया। बच्चों के चेहरों पर अपने दादा-दादी को विद्यालय में पाकर विशेष उत्साह और गर्व झलक रहा था।

इसके पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति में बच्चों ने कविता पाठ, नृत्य, गीत और लघु नाटिका के माध्यम से अपने दादा-दादी के प्रति प्रेम, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की। विशेष रूप से “मेरे दादा-दादी” विषय पर प्रस्तुत नृत्य और संवाद ने अतिथियों को भावुक कर दिया। कई दादा-दादी अपने पोते-पोतियों की प्रस्तुति देखकर भावनाओं से भर उठे।

कार्यक्रम के दौरान दादा-दादी के लिए रोचक खेल और गतिविधियों का भी आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इन गतिविधियों ने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि पीढ़ियों के बीच आपसी समझ और संवाद को भी सशक्त बनाया। बच्चों ने खेलों में अपने दादा-दादी का उत्साहवर्धन किया, जिससे वातावरण और भी आनंदमय हो गया।
विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर ओमप्रकाश सिन्हा ने दादा-दादी के अनुभवों और जीवन मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे समाज की अमूल्य धरोहर हैं। उनके अनुभव, संस्कार और मार्गदर्शन से बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है। विद्यालय का यह प्रयास बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने और पारिवारिक रिश्तों की अहमियत समझाने की दिशा में एक सार्थक कदम है।
कार्यक्रम के अंत में दादाजी, सेवानिवृत्त शिक्षक एवं दादीजी रजनी प्रधान ने भी अपने अनुभव साझा किए और विद्यालय की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में संस्कार, आदर और पारिवारिक एकता की भावना विकसित होती है। विद्यालय परिवार की ओर से सभी दादा-दादी को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। प्राचार्य जयंती सिन्हा ने कहा कि ग्रैंड पेरेंट्स डे का यह आयोजन स्नेह, सम्मान व परंपराओं का सुंदर संगम है। डीपीएस प्राइमरी बालाजी का यह कार्यक्रम न केवल बच्चों के लिए यादगार है, बल्कि दादा-दादी के लिए भी जीवनभर की मधुर स्मृति भी है।