कांग्रेस ने प्रभावित परिवारों के समुचित व्यवस्थापन की उठाई मांग
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने जारी विज्ञप्ति के माध्यम से जेलपारा में हुई बिना व्यवस्थापन और पुनर्वास के तोड फोड़ की कार्यवाही को दुर्भाग्य जनक कहा है।
विदित हो कि पिछले कुछ दिनों से ही नगर निगम से जेलपारा व प्रगतिनगर के बाशिंदों को घर तोड़े जाने के नोटिस मिलने के बाद ही उनके विरोध के स्वर प्रारंभ हो गए थे, क्योंकि लोगों को मरीन ड्राइव निर्माण के बहाने सरकार की इतनी बड़ी तोड़फोड़ कार्यवाही हजम नहीं हो रही थी। उन्हें ये भी नहीं पता था कि इस नोटिस का विरोध करना उन्हें बहुत भारी पड़ने वाला है और हुआ भी वही जो सरकार चाहती थी। बड़ा प्रशासनिक अमला भारी पुलिस बल तोड़ू दस्ते के साथ जेल पारा के बाशिंदों के आशियाने उजाड़ने शनिवार सुबह धमक पड़ा। प्रभावित मोहल्लेवासियों ने इसकी सूचना कांग्रेस भवन तक पहुंचाते हुए अपनी व्यथा से अवगत कराया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला से कहा कि बिना सूचना और मुआवजे के हमारे घरों को उजाड़ा जा रहा है। पीड़ितों का ये आरोप है कि बिना व्यवस्थापन दिए उन्हें न तो पहले से कोई सूचना दी गई और न ही किसी प्रकार की बातचीत या मुआवजा प्रस्तावित किया गया। उनका कहना है कि नया शनि मंदिर से लेकर जूटमिल के पीछे स्थित छठ घाट तक बनने वाले मरीन ड्राइव के रास्ते में करीब 100 से ज्यादा मकान आ रहे हैं, जिन्हें तोड़े जाने की कार्यवाही चल रही है।
महिलाओं ने कहा कि बरसों की मेहनत से यह घर बनाए हैं और अब बिना किसी विकल्प के उजाड़ने की बात की जा रही है। यह सरासर अनुचित है। अल्प अवधि में तोड़े जाने की सूचना पाकर पीड़ितों में काफी आक्रोश था। उनकी बातों को ध्यान से सुनकर कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय विधायक केबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के निवास की ओर नारे लगाते हुए पहुंचे, जहां पुलिस अधीक्षक पूरे बल के साथ पहले से मौजूद थे। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने अपनी माँग पुलिस कप्तान के सामने रखते हुए कहा कि बर्बरतापूर्ण तोड़फोड़ की कार्यवाही तत्काल बंद हो।प्रभावितों के पुनर्वास हेतु जमीन मकान मुआवजा, वर्तमान में रहने के लिए वैकल्पिक कैम्प और भोजन-पानी की व्यवस्था के साथ घर निर्माण के लिए आर्थिक मदद की जाए। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल को जब आश्वासन मिला कि आपकी सभी मांगें जायज है, तब कहीं जाकर वे वापसी हुए। ऐसे में नतीजा ये हुआ कि शासन को कांग्रेस के दबाव में तत्काल प्रभावित परिवार को सीएसआर मद से सहयोग राशि 75 हजार रुपये मंजूर करनी पड़ी।
इन्हीं सभी मांगों को कांग्रेस के प्रतिनिधियों में दीपक पांडेय, जयंत ठेठवार,अनिल शुक्ला शेख सलीम नियरिया, शाखा यादव, विकास शर्मा, राकेश पांडेय, राजू टोप्पो, विकास ठेठवार, संदीप अग्रवाल, वसीम खान, आरिफ हुसैन, रामलाल, रितेश वैद्य, आशीष शर्मा, सत्यप्रकाश शर्मा, आशीष शर्मा, दीपक मंडल ने निगम आयुक्त के समक्ष भी रखा। उन्होंने भी मांगों को गंभीरता से लेकर व्यवस्थापन कार्य जल्द कराने और मुआवजा राशि देने की बात की। वहीं जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता युवक कांग्रेस प्रदेश और जिला पदाधिकारी, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस के लोग सुबह से ही पीड़ितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उक्त स्थल पर खड़े रहते हुए इस बर्बरतापूर्वक तोड़फोड़ की कार्यवाही का विरोध करते रहे। वहीं नोटिस मिलने के बाद से ही निगम के पूर्व सभापति द्वय सलीम नियारिया और जयंत ठेठवार जिला कांग्रेस के प्रभारी महामन्त्री शाखा यादव, राकेश पांडेय, युवक कांग्रेस प्रदेश महासचिव व जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष आशीष जायसवाल, एनएसयूआई अध्यक्ष आरिफ हुसैन, महिला कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह, महिला कांग्रेस अध्यक्ष रानी चौहान लगातार पीड़ितों को न्याय दिलाने हेतु मोर्चे पर डटे रहे।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने प्रशासन से प्रभावितों के पुनर्वास और आर्थिक सहयोग तत्काल न दिए जाने पर स्पष्ट किया कि मरीन ड्राइव निर्माण से पीड़ित परिवार को सम्मान जनक पुनर्वास का विकल्प दिया जाए, ताकि विकास और मानवीय अधिकारों के बीच संतुलन बना रहे। साथ ही कहा कि बिना उचित व्यवस्थापन के जबरन की तोड़फोड़ कार्यवाही रोकी जानी चाहिए। अनावश्यक तोड़फोड़ जायज नहीं है। जिन घरों को तोड़ा गया है उनका पुनर्वास हो और पुनर्वास से पूर्व वैकल्पिक रहने के इंतजाम हो। भोजन पानी की समुचित व्यवस्था सरकार करे। उन्हें अच्छी जगह पर घर बनाकर दिए जावे, घर गुणवत्तायुक्त बने हों, उचित मुआवजा सरकार दे। यदि ऐसा नहीं होता और किसी भी प्रकार का उनके साथ अन्याय होता है तो कांग्रेस पार्टी पीड़ितों के हक की लड़ाई आक्रामकता से लड़ेगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।

