Home रायगढ़ न्यूज शिक्षक की सेवा और समर्पण से विद्यार्थियों को समाज में मिलती है पहचान

शिक्षक की सेवा और समर्पण से विद्यार्थियों को समाज में मिलती है पहचान

by SUNIL NAMDEO EDITOR

शिक्षक दिवस पर एक परिचर्चा



रायगढ़ (सृजन न्यूज)। 5 सितंबर अर्थात शिक्षक दिवस भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति एवं दूसरे नंबर के राष्ट्रपति शिक्षाविद दर्शन शास्त्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस जिसे उन्होंने शिक्षकों के सम्मान में समर्पित किया अपने जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर देश में शिक्षकों की गरिमा को राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचने वाले व्यक्तित्व ने जो सम्मान दिया उसी का परिणाम है कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य महज शिक्षकों को माला पहनाकर सम्मान कर देना नहीं, बल्कि समाज में शिक्षक की महत्ता उसकी उपयोगिता छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण में उसकी भूमिका को लेकर एक चिंतन का भी होता है। समाज में सरकारी और निजी सभी प्रकार के विद्यालय है, जहां शिक्षक अपनी भूमिका निभाते हुए छात्र-छात्राओं के भविष्य को बढ़ने का काम करते रायगढ़ जिले में भी कुछ ऐसे ही विशिष्ट शिक्षक हैं जिन्होंने अपनी सेवा और कर्तव्य परायणता से एक अलग पहचान बनाई है। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों का प्रतिक्रिया और उनकी भूमिका जाने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर पत्रकार शिक्षक एवं प्रवक्ता भोजराम पटेल द्वारा विभिन्न विद्यालयों के श्रेष्ठ शिक्षकों से चर्चा कर शिक्षक दिवस पर एक प्रतिक्रिया परिचर्चा के माध्यम से उनके विचार जानने का प्रयास किया गया प्रस्तुत है शिक्षा विभाग के अधिकारियों और बेहतर काम करने वाले शिक्षकों के व्यक्त विचार –


∆ शिक्षक निभायें अपनी शत-प्रतिशत भूमिका : आरपी आदित्य

पूर्व में रायगढ़ में जिला के शिक्षा अधिकारी रहे और वर्तमान में संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर का दायित्व निर्वहन कर रहे आरपी आदित्य ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनका मानना है कि समाज में शिक्षक की भूमिका अन्य अधिकारी और कर्मचारियों की तुलना में अधिक होती है क्योंकि वह व्यक्तित्व निर्माण करने वाला होता है इसलिए विद्यार्थी को हर दृष्टि से योग्य और दक्षता से परिपूर्ण बनाना उसका कर्तव्य बनता है। एक शिक्षक में सभी प्रकार के गुणों को परखने की क्षमता का होना आवश्यक है और इसी गुण के आधार पर वह छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए अपनी प्रतिभा का उपयोग करता है, नवाचार करता है और इस प्रकार से शिक्षकीय कार्य को संपादित करता है कि छात्र अपने जीवन में एक सफल नागरिक बने। शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं को शुभकामना देते हुए उनसे अपेक्षा करूंगा कि वह अपनी प्रतिभा का शत -प्रतिशत उपयोग छात्र – छात्राओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में करें और वह एक आदर्श शिक्षक की पहचान लोगों के बीच बनाएं तभी हम श्रेष्ठ समाज का निर्माण कर सकते हैं, सरकारी स्कूलों की प्रतिष्ठा को जनमानस में स्थापित कर सकते हैं। शिक्षक दिवस हमारे लिए एक प्रेरणा का दिवस है कि हम अपने विद्यालय और विद्यार्थियों के साथ समाज और राष्ट्र के लिए कुछ करें बेहतर से और बेहतर बनने का प्रयास करें।

∆ अपनी प्रतिभा का शत-प्रतिशत करे योगदान : डॉ. केव्ही राव
रायगढ़ जिला के नव पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षा क्षेत्र में पूरे रायगढ़ जिले को नेतृत्व देने वाले डॉ. के. व्ही. राव का कहना है कि शिक्षक दिवस प्रत्येक शिक्षक के लिए गौरव और सम्मान का दिवस है। इस दिवस हमें प्रत्येक विद्यार्थी के उज्जवल भविष्य और संपूर्ण व्यक्तित्व विकास की दिशा में समर्पित होने के लिए कर्तव्य निर्वहन का संकल्प लेना चाहिए। यद्यपि शिक्षा क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं और हमारे सामने नवाचार की अनंत संभावनाएं भी हैं। हम नए प्रयोग करके शिक्षा क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। इस परिस्थिति में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को अपना कर्तव्य निर्वहन करने के लिए समर्पित होने की आवश्यकता है। शासन के दिशा निर्देश और शिक्षा जगत से जुड़े विशिष्ट जनों के मंशा अनुरूप हमें शिक्षा में एक नई क्रांति लाकर बच्चों के भविष्य को संभालने की आवश्यकता है इसलिए शिक्षक दिवस के अवसर पर यह संकल्प लें कि अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व का संपूर्ण निर्वहन करते हुए विद्यार्थियों के लिए अपनी प्रतिभा का शत-प्रतिशत उपयोग शिक्षालय शिक्षक और शिक्षार्थी के साथ समाज को उत्कृष्टता के लिए करें, यही शिक्षक दिवस की सार्थकता होगी । शिक्षक के केंद्र में विद्यार्थी को भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में सेवा के लायक एक काबिल नागरिक के रूप में तैयार करने उन्हें प्रतियोगी परीक्षा में सफल होने के लिए योग्य बनाने का लक्ष्य भी होना चाहिए ।

∆ स्वयं तिल तिल जलकर विद्यार्थी को आलोकित करता है शिक्षक : रश्मि वर्मा

2022 के लिए राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित एवं पिछले वर्ष राज्य स्तर पर राज्य शिक्षक सम्मान से नवाजी गई रायगढ़ जिला के जिला मुख्यालय स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चक्रधर नगर में पदस्थ व्याख्याता रश्मि वर्मा का कहना है कि शिक्षक दीए की तरह होता है जो स्वयं तिल-तिलकर जलता है और उस रोशनी से विद्यार्थियों को ज्ञान का प्रकाश देकर उनके भीतर अज्ञान के तिमिर को मिटाने का प्रयास किया जाता है। सही अर्थों में शिक्षक एक निर्माता की भूमिका में होता है जो छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व का निर्माण करता है। विद्यार्थियों के भीतर छुपी प्रतिभा को पहचान कर उसे उभारने अवसर देने का प्रयास करता है और उस प्रत्येक विधा से छात्र-छात्राओं को पारंगत करता है जो छात्र के भीतर पहले से ही रहता है उसे भरने का काम शिक्षक करता है ।

∆ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास ही शिक्षक का उद्देश्य – भोजराम पटेल

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तारापुर में पदस्थ अर्थशास्त्र के व्याख्याता एवं प्रभारी प्राचार्य और राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक का दायित्व निभा रहे भोजराम पटेल का कहना है कि सनातन काल से ही गुरु और शिष्य के बीच का सबंध अत्यंत पवित्र और आदर से परिपूर्ण माना जाता रहा है। समय के साथ दोनों के बीच कार्य व्यवहार एवं संबंध में परिवर्तन देखने को मिलता रहा है। आज के परिवेश में हम सभी शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि हम विद्यार्थियों को सिर्फ पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन में नैतिकता के महत्व को बतलाते हुए विद्यार्थियों को ऐसी व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करें जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो ताकि वे आत्मनिर्भर होकर सम्मान पूर्वक जीवन बिता सकें। विद्यार्थियों को कला, साहित्य संस्कृति विज्ञान और तकनीकी शिक्षा से जोड़कर उनके जीवन पथ को सरल सुगम और सफल बनाना हमारा दायित्व है।

∆ शिक्षक अपने निहित क्षमता को उपयोग करें तो होंगे और बेहतर – सुनीता यादव

वर्ष 2023 के राज्यपाल पुरस्कार के लिए चुनी गईआज राज्यपालके हाथों सम्मानित होने वाली बरमकेला विकासखंड मुख्यालय के करीबी प्राथमिक विद्यालय खिचरी में पदस्थ सुनीता यादव ने बच्चों को बेहतर प्रदर्शन के लिए नवाचार करने की दिशा में अपनी एक खास पहचान बनाई है। इनका मानना है कि शिक्षक को विद्यालय परिसर में ही नहीं, संपूर्ण समाज में अति महत्वपूर्ण एवं सम्मान जनक स्थान प्राप्त है। शिक्षक का महत्व भविष्य निर्माता, राष्ट्र का मार्गदर्शक, संस्कृति का पोषक और शिक्षा का रक्षक के रूप में स्वीकार किया गया है। एक शिक्षक के प्रभाव का कहां अंत होगा, कहा नहीं जा सकता, क्योंकि वह अपने छात्रों पर अपने प्रभाव की अमिट छाप छोड़ देता है। इस प्रकार अध्यापक का चरित्र और व्यवहार समाज के लिए महत्वपूर्ण होता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लिखा है कि समाज में अध्यापक का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को बौद्धिक परंपराएं और तकनीकी कौशल पहुंचाने का केंद्र है। आज भी शिक्षक का कर्तव्य यह होना चाहिए कि वह अपने में निहित शक्तियों का परिचय देते हुए बच्चों एवं समाज पर अमिट छाप छोड़े।

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