मनीषा ने कहा – घरघोड़ा ब्लॉक के हरे जंगल में उद्योग बसाना है प्रकृति का विध्वंश
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिले में उद्योग विस्तार दैनिक रोजमर्रा का रूप ले चुकी है जो पर्यावरण प्रदूषण पर सबसे ज्यादा प्रभाव डाल रही है। इसी क्रम में घरघोड़ा ब्लॉक के टेंडा-नवापारा क्षेत्र में स्थित सन इस्पात की जन सुनवाई 4 जुलाई को प्रस्तावित है जो पूरी तरह अवैधानिक है। यह दावा करते हुए पूर्व विधानसभा प्रत्याशी एवं आदिवासी नेत्री मनीषा गोंड ने कहा कि यदि इस तरह उद्योग विस्तार होता रहा तो रायगढ़ में सांस लेना भी मुश्किल हो जायेगा।
उन्होंने यह भी कहा की अधिक चिंता का विषय प्रदूषण है। WHRB आधारित पावर प्लांट की क्षमता 4 MW से बढ़ाकर 16 MW करने और AFBC आधारित पावर प्लांट की क्षमता 14 MW से बढ़ाने की योजना है। इसके अलावा, इंडक्शन फर्नेस हॉट बिलेट्स की क्षमता 180,000 TPA और रोलिंग मिल सहित कई अन्य प्लांट भी स्थापित करने की तैयारी है। इसके कैमिकल से स्थानीय नदियों, नहरों व तालाबों के जल जहरीले हो जायेंगे, जिसका प्रभाव जीव-जंतु, कृषि सहित मानव जीवन पर भी पड़ेगा।
यही नहीं, प्लांट विस्तार से स्थानीय लोगों का भला किया जाना केवल कागजों पर ही सीमित है। जबकि क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर यहीं के लोगों को ठगा जा रहा है। यह प्लांट कुरकुट नदी के किनारे स्थित है, जो पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस विस्तार से नदी में और अधिक केमिकल युक्त दूषित पानी का प्रवाह होगा, जिससे जल और वायु प्रदूषण में वृद्धि होगी। इससे दर्जनों गांव के ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और जल, जंगल, जमीन की गुणवत्ता भी खराब होगी। ग्रामीण इस विस्तार का विरोध करने की तैयारी में हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दलालनुमा लोग प्रबंधन से मोटी रकम लेकर ग्रामीणों को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं। ये दलाल विरोध को कमजोर करने के लिए शाम, दाम, दण्ड, भेद की नीति अपना रहे हैं और लोगों की खरीद फरोख्त करने में लगे हुए हैं परंतु हम उनके मंसूबे को कामयाब होने नही देंगे और ग्रामीणों के साथ मिलकर इस लड़ाई को जन आंदोलन देने में कोई कसर नही छोड़ेंगे। मनीषा ने सभी स्थानिय लोगों को जनसुनवाई के विरोध करने अपील करते हुए उनके साथ हरसंभव आंदोलन में संग रहने तक की बात भी कही है।