Home क्राईम न्यूज नाबालिगों को नशे के लिए सुलेशन बेचता था जूटमिल का अहसान

नाबालिगों को नशे के लिए सुलेशन बेचता था जूटमिल का अहसान

by SUNIL NAMDEO

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। एसपी दिव्यांग पटेल के दिशा-निर्देशन में जिले में सूखा नशा, प्रतिबंधित दवाओं, इंजेक्शन और सिरप की अवैध बिक्री करने वालों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। इसी क्रम में जूटमिल पुलिस ने नाबालिगों को नशे के रूप में सुलेशन बेचने वाले आरोपी पर बड़ी कार्रवाई की है।

                              थाना प्रभारी जूटमिल निरीक्षक प्रशांत राव को सूचना मिली कि शेख अहसान उद्दीन कादरी नाम का व्यक्ति मोटरसाइकिल की डिक्की में सुलेशन ट्यूब रखकर बेच रहा है और मिनीमाता चौक, पुराने रेलवे फाटक के पास मौजूद है। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और संदिग्ध को हिरासत में लिया गया, जिसकी पहचान शेख अहसान उद्दीन कादरी पिता शेख नसीरूद्दीन कादरी उम्र 36 वर्ष निवासी थाना के पीछे, जूटमिल रायगढ़ के रूप में हुई। तलाशी लेने पर उसकी मोटर साइकिल सुपर स्प्लेंडर (क्रमांक CG-13 J 8286) की डिक्की से एक बैग बरामद किया गया। इसमें ओमनी कंपनी का CHEMICAL VULCANIZING FLUID नामक 19 नग सुलेशन ट्यूब मिली।

                               प्रत्येक ट्यूब पर नेट क्वांटिटी 75 एमएल और एमआरपी 50 रुपये अंकित था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने यह सुलेशन राउरकेला, ओड़िशा की दुकान से करीब 15 दिन पहले दो कार्टन (कुल 40 ट्यूब) 60 रुपये प्रति नग की दर से खरीदी थी और नाबालिगों को नशा करने के लिए बेच रहा था जिसकी कमाई को घरेलू खर्च में उपयोग करता था। उसने यह भी स्वीकार किया कि पकड़े जाने से पहले एक किशोर को 100 रुपये में एक ट्यूब बेचा था । पुलिस ने आरोपी के कब्जे से कुल 19 नग सुलेशन ट्यूब कीमत 950 रुपये, बिकी रकम 100 रुपये और अपराध में प्रयुक्त मोटर साइकिल कीमत करीब 20 हजार रुपये जप्त की जप्त किया गया।

         यह सुलेशन एक हानिकारक पदार्थ है जिसका सेवन करने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और नाबालिगों के जीवन व मानसिक स्वास्थ्य पर स्थायी दुष्प्रभाव हो सकते हैं। आरोपी का यह कृत्य धारा 77 जेजे एक्ट तथा धारा 123, 275, 286 बीएनएस के तहत अपराध की श्रेणी में पाया गया। इस पर थाना जूटमिल में अपराध दर्ज कर आरोपी शेख अहसान उद्दीन कादरी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक प्रशांत राव, सहायक उप निरीक्षक राजेंद्र पटेल और आरक्षक परमानंद पटेल, बंशी रात्रे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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