Home क्राईम न्यूज श्याम बाबा के जेवर उड़ाने वाला सरिया का सारथी यादव ओड़िशा के शराब भट्टी में पकड़ाया

श्याम बाबा के जेवर उड़ाने वाला सरिया का सारथी यादव ओड़िशा के शराब भट्टी में पकड़ाया

by SUNIL NAMDEO

आईजी ने प्रेसवार्ता में किया खुलासा – आरोपी की बीवी और दोस्त समेत कुल 6 लोग चढ़े पुलिस के हत्थे, चोरी का पूरा माल भी बरामद

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ के श्याम मंदिर से धार्मिक आभूषण और नकदी की हुई सनसनीखेज चोरी की गुत्थी को रायगढ़ पुलिस ने सुलझा लिया है। इस मामले में सीमावर्ती ओड़िशा राज्य और पडोसी जिले सारंगढ़-बिलाईगढ़ के छह आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ करीब 27 लाख रुपये मूल्य की चोरी गई संपत्ति की बरामदगी पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला सर के सतत मार्गदर्शन और रायगढ़ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के कुशल नेतृत्व में चले इस 9 दिन के ऑपरेशन ने साबित कर दिया कि धार्मिक आस्था पर चोट करने वाले अपराधियों को छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी। बीते 13-14 जुलाई की रात अज्ञात आरोपी ने मंदिर के मुख्य द्वार और गर्भगृह का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश किया और श्याम बाबा का सोने का मुकुट, कुण्डल, चार नग छत्तर, गलपटिया समेत करीब 25 लाख रुपये के धार्मिक आभूषण और दानपेटी से दो लाख रुपये नकद लेकर फरार हो गया था।

घटना की रिपोर्ट श्याम मंदिर मंडल अध्यक्ष बजरंग लाल अग्रवाल द्वारा थाना कोतवाली में दर्ज कराई गई थी, जिसके आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 331(4), 305 बीएनएस के तहत अपराध कायम किया गया। घटना की सूचना मिलते ही एसपी दिव्यांग पटेल स्वयं मौके पर पहुंचे, उनके साथ सीएसपी अनिल विश्वकर्मा, कोतवाली थाना प्रभारी, शहर के अन्य थाना स्टाफ, साइबर सेल, फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड भी सक्रिय हो गया। तत्काल मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी द्वारा पांच थाना प्रभारियों की विशेष टीम गठित की गई, जिन्हें सीसीटीवी फुटेज की निगरानी, पुराने अपराधियों से पूछताछ, डिजिटल साक्ष्य का विश्लेषण और राज्य व बाहरी जिलों में ऐसी चोरी के मामलों की तफ्तीश में लगाया गया।

        पुलिस महानिरीक्षक के डॉ. संजीव शुक्ला भी रायगढ़ पहुंचकर घटना स्थल का निरीक्षण किये और विशेष टीम की मीटिंग लेकर उन्हें महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए। पुलिस ने श्याम मंदिर और आसपास के चौराहों, बाजार, रेलवे स्टेशन सहित शहर के तमाम हिस्सों के 100 से ज़्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सवा लाख मोबाइल नंबर की जाँच शुरू की। घटना से पूर्व संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर एक संदिग्ध युवक की पहचान कर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की। जिला पुलिस तथा श्याम मंडल ने आरोपी की सूचना देने ईनामी उद्घोषणा जारी किया गया। पुलिस को यहीं से एक लीड सूचना मिली जिससे संदेही की पहचान सारथी यादव, निवासी ठेंगागुड़ी थाना सरिया के रूप में हुआ। जब पुलिस टीम संदेही के घर तक पहुंची तो वह फरार मिला, लेकिन उसके परिजनों से पूछताछ पर यह पुष्टि हो गई कि वह घटना में शामिल है और वह मोबाइल का उपयोग नहीं करता।

पुलिस टीमों ने संभावित ठिकानों पर दबिश तेज कर दी और आखिरकार ओडिशा बार्डर के पास एक गांव में सारथी यादव को धर दबोचा गया। पूछताछ में आरोपी ने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह 13 जुलाई को सरिया से बस में रायगढ़ पहुंचा और सुबह से ही श्याम मंदिर की रेकी में लग गया। शाम को सब्जी मार्केट से प्लास्टिक पन्नी और लोहे का रॉड उठाया, फिर रात में बारिश के दौरान जब इलाका सुनसान हो गया, तो मेन गेट का ताला तोड़कर मंदिर के भीतर दाखिल हुआ और गर्भगृह से सोने का मुकुट, गलपटिया, कुण्डल और छत्तर चुराकर दान पेटी से नकदी रकम समेटी। चोरी का सारा माल बोरी में भरकर पैदल रेल पटरी के रास्ते कोतरलिया-महापल्ली होते हुए दियाडेरा पहुंचा और वहां से अपनी पत्नी नवादाई को फोन कर गांव के मानस भोय को मोटरसायकल लेकर बुलाया।

गांव लौटने के बाद उसने अपनी पत्नी नवादाई, मानस भोय और उसके भाई उपेन्द्र भोय और गांव आये बरगढ़ ओड़िशा के परिचित विजय उर्फ बिज्जू प्रधान, दिव्य प्रधान को पूरी घटना की जानकारी दी और माल को छिपाने तथा बेचने की योजना साझा की। रायगढ़ पुलिस ने सभी आरोपियों के मेमोरेंडम कथनों के आधार पर चोरी गए सारे जेवरात, नकदी, घटना में प्रयुक्त लोहे का रॉड, एक मोटरसाइकिल और वारदात के समय पहना गया संतरा रंग का टी-शर्ट बरामद किया है, जिसकी कुल कीमत लगभग 27 लाख रुपये है। प्रकरण में धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने, संगठित अपराध की धारा 238, 299, 111, 3(5) BNS बढ़ाई गई है।

इस मामले के खुलासे में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम, नगर पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा, निरीक्षक सुखनंदन पटेल, राकेश मिश्रा, प्रशांत राव, मोहन भारद्वाज, उप निरीक्षक गिरधारी साव, साइबर सेल प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, आरक्षक बृजलाल गुर्जर, रेनू मंडावी थाने के लोमेश राजपूत सतीष पाठक खिरेन्द्र जलतारे हेमप्रकाश सोन बनारसी सिदार बालचंद्र मोहन राव, दिलीप भानू, श्रीराम साहू, साइबर सेल के आरक्षक धनंजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, महेश पण्डा, प्रशांत पण्डा, रविन्द्र कुमार गुप्ता, विक्रम सिंह, सुरेश सिदार, विकास प्रधान, प्रताप शेखर बेहरा, गजेन्द्र प्रधान, नवीन शुक्ला, ACCU जिला बिलासपुर के आरक्षक सतीश भारद्वाज, तबीर सिंह, थानों के आरक्षक अभिषेक द्विवेदी उत्तम सारथी संदीप मिश्रा मनोज पटनायक कमलेश यादव रोशन एक्का, भगवती रत्नाकर, चूड़ामणि गुप्ता, संदीप कौशिक, मिनकेतन पटेल, लखेश्वर पुरसेठ, विनय तिवारी, धनुर्जय बेहरा, ओशनिक विश्वाल, कोमल तिवारी, शशि साहू, संजय केरकेट्टा, अमर मिर्धा, विनोद शर्मा, गणेश पैंकरा, डॉग हैंडलर राजेन्द्र मरावी और विरेन्द्र अनंत की इस बहुचर्चित मामले के पर्दाफाश में अथक मेहनत की।

गिरफ्तार आरोपी

(1) सारथी यादव पिता गोलबदन यादव उम्र 33 वर्ष
(2) नवादाई पति सारथी उर्फ वोट यादव उम्र 28 वर्ष
(3) मानस भोय पिता सुशील भोय उम्र 23 वर्ष
(4) उपेन्द्र भोय पिता सुशील भोय उम्र 30 वर्ष सभी ग्राम ठेंगागुड़ी थाना सरिया जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़
(5) दिव्य किशोर प्रधान पिता स्व. भोला नाथ प्रधान, 34 साल निवासी ग्राम धुनीपाली थाना भठली, जिला बरगढ (ओड़िशा)
(6) विजय उर्फ विज्जु प्रधान पिता झसकेतन प्रधान, 34 साल निवासी ग्राम बडमाल थाना भठली, जिला बरगढ (ओड़िशा)

बरामद संपत्तिसोने का हार, मुकुट, कुण्डल, 4 नग छत्तर, नकदी 10,000 रूपये, घटना में प्रयुक्त रॉड, एक मोटर सायकल बजाज प्लेटिना, संतरा रंग के टी शर्ट कुल 26 लाख 80 हजार रूपये। रायगढ़ पुलिस की इस तेजतर्रार और योजनाबद्ध कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट हो गया है कि धार्मिक आस्था पर हमले को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह न केवल एक केस का खुलासा है, बल्कि रायगढ़ पुलिस के संकल्प, सजगता और सेवा का जीवंत प्रमाण भी है। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा चोरी की घटना को सुलझाने में मदद करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र दिया गया। साथ में रायगढ़ पुलिस द्वारा माह जुलाई में चलाए जा रहे सीसीटीवी के विशेष अभियान “सुरक्षित सुबह” से सभी नागरिकों को जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया एवं जिन नागरिकों के सीसीटीवी से अपराध निकल में सहायता मिली उन्हें सम्मानित किया गया ।

You may also like