Home छत्तीसगढ़ कृषि में AI की भूमिका : स्मार्ट फार्मिंग की ओर बढ़ते कदम

कृषि में AI की भूमिका : स्मार्ट फार्मिंग की ओर बढ़ते कदम

by SUNIL NAMDEO

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से खेती कम लागत, अधिक लाभ और वैज्ञानिक निर्णय क्षमता की ओर

दिल्ली (सृजन न्यूज)। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ किसानों की मेहनत और खेतों की उपज पर देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्भर करती है, लेकिन बदलते मौसम, अनियमित वर्षा, मिट्टी की उर्वरता में कमी, कीट-रोगों का बढ़ता प्रकोप, कृषि लागत में वृद्धि और बाज़ार की अनिश्चितता जैसी समस्याएँ आज खेती को चुनौतीपूर्ण बना रही हैं। ऐसे समय में AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है और किसानों को वैज्ञानिक, डेटा-आधारित तथा लाभदायक खेती की दिशा में आगे बढ़ा रही है।

         दरअसल, AI तकनीक मौसम, मिट्टी और फसल से जुड़े विस्तृत डेटा का विश्लेषण कर यह निर्धारित करती है कि कौन-सी फसल बोई जाए, कितनी सिंचाई व खाद की आवश्यकता है, कीट व रोगों के शुरुआती लक्षण क्या हैं, कटाई का सबसे उपयुक्त समय कौन-सा है, जिससे पैदावार बढ़ती है और लागत में उल्लेखनीय कमी आती है। खेतों में लगे स्मार्ट सेंसर मिट्टी की नमी और पोषक तत्वों की वास्तविक स्थिति बताते हैं, जिससे केवल ज़रूरत के अनुसार सिंचाई होती है और पानी तथा बिजली दोनों की बचत होती है। AI आधारित मोबाइल ऐप और ड्रोन फसल की तस्वीरों का विश्लेषण कर तुरंत कीट व रोगों की पहचान कर लेते हैं, जिससे बीमारी फैलने से पहले ही उपचार किया जा सकता है और कीटनाशकों के अनावश्यक उपयोग को भी रोका जा सकता है।

         आधुनिक कृषि में AI संचालित ड्रोन और रोबोट बोआई, स्प्रे, निराई-गुड़ाई, सर्वेक्षण तथा कटाई जैसे कार्य तेज़ी व सटीकता से कर रहे हैं, जो श्रम की कमी को दूर करने के साथ किसानों के समय और लागत दोनों को बचाते हैं। इसके अलावा AI बाजार के उतार-चढ़ाव, मांग और कीमत संबंधी डेटा का विश्लेषण कर किसानों को यह जानकारी देता है कि किस फसल की मांग भविष्य में अधिक होगी, किस समय बिक्री सबसे लाभदायक होगी और किस मंडी में बेहतर मूल्य मिलेगा, जिससे किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।

  कुल मिलाकर AI न केवल खेती को आधुनिक बना रही है, बल्कि इसे अधिक सुरक्षित, टिकाऊ, वैज्ञानिक और लाभकारी भी बना रही है। आने वाला समय “स्मार्ट फार्मिंग” का है, जहाँ खेत में मेहनत के साथ ही तकनीक और समझदारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, और यदि किसान, सरकार और उद्योग मिलकर AI को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ें तो भारत कृषि उत्पादन और एग्रीटेक नवाचार दोनों क्षेत्रों में विश्व नेतृत्व प्राप्त करने की क्षमता रखता है।

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