Home छत्तीसगढ़ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जशक्राफ्ट हस्तशिल्प उत्पादों की सराहना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जशक्राफ्ट हस्तशिल्प उत्पादों की सराहना

by SUNIL NAMDEO

जशपुरनगर (सृजन न्यूज)। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जशक्राफ्ट ब्रांड के अंतर्गत स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों- बाँस एवं सवई घास से निर्मित आकर्षक हस्तशिल्प उत्पादों को पारंपरिक कलाकृतियों के रूप में उपहार स्वरूप भेंट किया गया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने जशक्राफ्ट के हस्तशिल्प उत्पादों और स्थानीय कारीगरों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ विकसित की गई इन पारंपरिक कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

                 यह अवसर जशपुर जिले की समृद्ध जनजातीय कला, स्थानीय कारीगरों के उत्कृष्ट कौशल तथा जशपुर वनमंडल द्वारा किए जा रहे नवाचारपूर्ण एवं जनकल्याणकारी प्रयासों के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण रहा। जशपुर वनमंडल द्वारा भविष्य में भी इस प्रकार की नवाचारपूर्ण पहलें निरंतर जारी रखी जाएंगी, ताकि स्थानीय संसाधनों का संरक्षण, पारंपरिक ज्ञान का संवर्धन तथा ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ कर सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। जशपुर वनमंडल द्वारा नवाचार के तहत ग्राम कोटानपानी के संयुक्त वन प्रबंधन समिति को चक्रीय निधि से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिससे ग्रामीण महिला कारीगरों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके हैं। प्रदत्त सहायता से संयुक्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों बाँस सवई घास का उपयोग करते हुए आकर्षक एवं पर्यावरण अनुकूल हस्तशिल्प उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है।

            जशक्राफ्ट ब्रांड के अंतर्गत तैयार किए जा रहे उत्पादों में झुमके, माला, टोपी सहित अन्य पारंपरिक आभूषण एवं दैनिक उपयोग की सामग्री शामिल हैं। ये सभी उत्पाद स्थानीय कारीगरों की पारंपरिक कला, कौशल, रचनात्मकता तथा पीढ़ियों से संचित जनजातीय ज्ञान का सशक्त प्रतिबिंब हैं। उत्पाद निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों के सतत् उपयोग के सिद्धांतों का विशेष रूप से पालन किया जा रहा है। जशक्राफ्ट पहल के माध्यम से न केवल स्थानीय कारीगरों एवं ग्रामीण परिवारों के आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा मिली है, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध जनजातीय कला एवं हस्तकला को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में भी सार्थक प्रयास किया जा रहा है। इस पहल से स्थानीय उत्पादों के लिए नए बाजार उपलब्ध होंगे तथा स्वरोजगार एवं रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त होगी।

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