Home रायगढ़ न्यूज रायगढ़ में 15 नवम्बर से होगी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बोहनी

रायगढ़ में 15 नवम्बर से होगी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की बोहनी

by SUNIL NAMDEO

इंटरस्टेट बॉर्डर, कोचियों, बिचौलियों पर होगी कड़ी निगरानी, उपार्जन केंद्रों पर अवैध धान खपाने की शिकायत मिलने पर संबंधितों पर गिरेगी कार्रवाई की गाज

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। शासन के निर्देशानुसार जिले में समर्थन मूल्य पर 15 नवंबर से धान खरीदी प्रारंभ होगी। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान उपार्जन की पारदर्शी एवं सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आज जिला कलेक्टोरेट रायगढ़ के सृजन सभाकक्ष में दो पालियों में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान धान उपार्जन नीति, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, तुंहर टोकन, उड़नदस्ता दल गठन, चेक पोस्ट सहित विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से अवगत कराया गया।
         इस अवसर पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने धान खरीदी व्यवस्था से जुड़ी नीतियों, प्रक्रियाओं एवं दिशा-निर्देशों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप धान खरीदी प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। सभी अधिकारी इस प्रशिक्षण को गंभीरता से ले, ताकि शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने और धान खरीदी कार्य को बिना किसी व्यवधान के सफलतापूर्वक संपादित करने प्रोत्साहित किया। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि खरीदी व्यवस्था समयबद्ध, पारदर्शी और किसानों के लिए पूरी तरह सुविधाजनक हो। प्रशिक्षण में जिले के सभी संबंधित अधिकारी एवं धान खरीदी से जुड़े विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित रहे
कलेक्टर ने सभी उपार्जन केन्द्रों में निगरानी व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता की संभावना न रहे।

                      उन्होंने कहा कि इंटरस्टेट बार्डर, कोचियों एवं बिचौलियों पर कड़ी निगरानी रखा जाए, ताकि उपार्जन केंद्रों में किसी भी प्रकार से धान की अवैध बिक्री न किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धान खरीदी कार्य में लापरवाही पाए जाने पर संबंधितो के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अपर कलेक्टर एवं धान खरीदी के नोडल अधिकारी अपूर्व प्रियेश टोप्पो ने बताया कि एग्रीस्टेक पोर्टल में किसानों का पंजीयन कार्य जारी है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले के कोई भी पात्र किसान समर्थन मूल्य पर धान विक्रय से वंचित नहीं होना चाहिए। शत-प्रतिशत कृषकों का निर्धारित समय-सीमा के भीतर पंजीयन पूर्ण करें। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत अभिजीत बबन पठारे, अपर कलेक्टर रवि राही सहित जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, खाद्य निरीक्षक, कृषि विकास अधिकारी एवं मंडी सचिव उपस्थित रहे।
                       खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह ने जानकारी दी कि किसानों से धान की नगद व लिकिंग में खरीदी 15 नवम्बर से शुरू होगी, जो 31 जनवरी 2026 तक की जाएगी। इस वर्ष भी किसानों से धान खरीदी की अधिकतम सीमा 21 क्विंटल प्रति एकड़ लिकिंग सहित निर्धारित की गई। इस वर्ष जिले के 69 समितियों के 105 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की जाएगी। रायगढ़ जिले में 10 स्थानों पर अंतराज्जीय चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं, जहाँ से अवैध धान के आवाजाही पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए चार टीमों की तीन पालियों में ड्यूटी लगाई गई है। जिनके द्वारा 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी। ऐग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किसानों से भारत सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप धान की खरीदी की जाएगी। कृषकों की ऋण पुस्तिका के आधार पर पोर्टल आईडी से खरीदी की जाएगी, जिससे किसानों को उपार्जन केन्द्रों में ऋण पुस्तिका लाने की आवश्यकता नहीं होगी। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में संस्थागत पंजीयन, भूमिहीन किसान, डुबान क्षेत्र, वन अधिकार पट्टा एवं ग्राम कोटवार वर्ग के किसानों को पंजीयन से छूट दी गई है। धान विक्रय की राशि किसानों को डिजिटल मोड से सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी। सभी किसानों के बैंक खाते खुलवाकर उनकी जानकारी डेटाबेस में दर्ज करने के निर्देश दिए गए। धान की खरीदी इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र से की जाएगी, जबकि अपवादस्वरूप ही एसडीओ (राजस्व) की अनुमति से मैन्युअल तौल की जा सकेगी।

कोचिया और बिचौलियों पर रहेगी सख्त निगरानी
धान उपार्जन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मंडी अधिकारियों द्वारा कोचिया और बिचौलियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। यदि कोई कोचिया या बिचौलिया पंजीकृत किसानों के नाम पर धान खपाने का प्रयास करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संबंधित वाहन और धान जब्त किए जाएंगे, तथा आवश्यकतानुसार कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।

तुंहर टोकन मोबाइल ऐप से सुबह 8 बजे से जारी होंगे टोकन
धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए टोकन जारी करने की प्रक्रिया ‘तुंहर टोकन’ मोबाइल ऐप के माध्यम से सुबह 8 बजे से प्रारंभ की जाएगी। सोसायटी संचालक पिछले वर्ष की तरह सुबह 9.30 बजे से टोकन जारी करना शुरू कर सकेंगे। टोकन अगले 7 खरीदी दिवसों के लिए जारी किए जा सकेंगे। प्रत्येक टोकन में जारी की जाने वाली धान की मात्रा डीसीएस, गिरदावरी एवं पीवी के अनुसार पंजीकृत धान रकबा से कम या बराबर होनी चाहिए। लघु और सीमांत किसानों को अधिकतम दो टोकन, जबकि बड़े किसानों को अधिकतम तीन टोकन जारी करने की अनुमति होगी। पारदर्शिता सुनिश्चित करने और अनाधिकृत टोकन जारी होने से रोकने के लिए आधार आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण अनिवार्य किया गया है। इससे किसान की पहचान की सत्यता सुनिश्चित होगी और उनकी स्पष्ट सहमति के बिना कोई भी टोकन जारी नहीं किया जा सकेगा।

धान के सुरक्षित भंडारण के लिए मार्कफेड करेगी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ
धान के उचित भंडारण को सुनिश्चित करने के लिए भंडारण केंद्रों का चयन, आवश्यक डनेज मटेरियल और कैप कवर्स की व्यवस्था मार्कफेड द्वारा की जाएगी। खुले में धान भंडारित करने के लिए पिछले खरीफ विपणन वर्ष में खरीदे गए कैप कवर्स, सीमेंट ब्लॉक, चटाई और पॉलीथीन जैसी सामग्री, जो अभी भी उपयोग योग्य अवस्था में हैं, उनका पुनः उपयोग किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर नई डनेज सामग्री और कैप कवर्स भी मार्कफेड द्वारा समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे। सभी संग्रहण केंद्रों पर धान की नमी की जांच के लिए आर्द्रतामापी यंत्र की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। साथ ही, इन यंत्रों का शीघ्र कैलिब्रेशन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि धान की गुणवत्ता जांच में कोई त्रुटि न हो।

धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग से जुड़ी शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर जारी
धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग से संबंधित समस्याओं और कठिनाइयों के समाधान के लिए खाद्य विभाग द्वारा टोल फ्री कॉल सेंटर नंबर 1800-233-3663 जारी किया गया है। यह कॉल सेंटर राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष के रूप में कार्य करेगा। धान खरीदी केन्द्रों में इस कॉल सेंटर की जानकारी प्रमुख रूप से प्रदर्शित की जाएगी, ताकि किसान एवं संबंधित व्यक्ति आसानी से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें। प्राप्त शिकायतों का निराकरण तीन दिवस के भीतर किया जाएगा। राज्य स्तर पर उपार्जन एजेंसी और जिला स्तर पर संबंधित कलेक्टर शिकायतों के समाधान की जिम्मेदारी निभाएंगे।

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