वित्त मंत्री का दावा – संकल्प मजबूत होंगे तो विकल्पों की नहीं होगी कमी
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। महज डिग्री पा लेना और उसकी संख्या बढ़ाना आपको कामयाबी के मुकाम तक नहीं लेकर जायेगा, स्किलफुल बनेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी। इसलिए गिनती के फेर में न पड़ें और काबिलियत के लिए पढ़ें, वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने आज करियर काउंसलिंग के दौरान बच्चों को यह सलाह दी। वे आज स्कूल और कॉलेज के बच्चों के बीच उन्हें करियर संबंधी मार्गदर्शन देने जिला प्रशासन द्वारा आयोजित ‘उत्कर्ष-भविष्य का निर्माण’ कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्हें सुनने बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के साथ शिक्षक और पालक भी पहुंचे थे।
वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने एक घंटे के अपने संबोधन में छात्रों को अपनी अब तक जीवन अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि एक छोटे से गांव से निकल कर देश के प्रतिष्ठित आईएएस सेवा में चयन, प्रशासनिक करियर से लेकर राजनीतिक जीवन में प्रवेश और अब प्रदेश के वित्त मंत्री के रूप में कार्य करने का सफर कैसा रहा, क्या चुनौतियां रहीं, उनसे कैसे निपटे और भविष्य के लिए और बड़े लक्ष्य कैसे तय किए और उन्हें कैसे पूरा किया। वित्त मंत्री ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि 11 साल की उम्र में अपनी मां के साथ जब रायगढ़ के कलेक्टर ऑफिस पहली बार आया था तभी से मन में ठान लिया था कि आगे चल कर आईएएस बनना है। इस सपने को मैने जिया, लगातार मेहनत की और 23 साल की एज में सबसे कम उम्र में से एक आईएएस बनने की उपलब्धि हासिल हुई। उन्होंने कहा कि बायंग गांव से निकल कर जब मैं आईएएस बन सकता हूं जिसके पिता का देहांत 8 वर्ष की उम्र में हो गया था और मां सिर्फ चौथी तक पढ़ी है तो आप में से हर कोई अपना सपना पूरा कर सकता है। बशर्ते आपको परिस्थितियों से हारना या घबराना नहीं है बल्कि उनका सामना करना है। संकल्प यदि मजबूत होगा तो विकल्पों की कमी नहीं होगी। हमारे सामने अनेकों उदाहरण हैं जो बताते हैं कि विषम परिस्थिति में भी अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने वाले सफलता की नई इबारत लिखते हैं। उन्होंने विराट कोहली के पिता के निधन के दिन अपनी टीम के लिए खेली गई बहुमूल्य पारी, आनंद कुमार के संघर्षों के बारे बताते हुए कहा कि इन सभी सफल लोगों ने कठिन परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी होने नही दिया बल्कि उससे लड़े और जीते।
श्री चौधरी ने कहा कि भारत विकसित राष्ट्र बन रहा है। यहां अवसरों की कमी नहीं होगी। बस आपको अपने आप को तैयार करना है। गवर्नमेंट के साथ कॉरपोरेट सेक्टर में भी रोजगार के नए अवसर तैयार हो रहे हैं। आवश्यकता है आप अपना स्किल बढ़ाने पर काम करें। उन्होंने बताया कि आईएएस की नौकरी छोडऩे के बाद कृषि कार्य और शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का काम सीखा। खेती-किसानी के वैज्ञानिक तरीकों का ज्ञान लिया, रिसर्च किया, एग्रोनॉमिक्स विशेषज्ञों से सीखने की कोशिश की जिसका पूरा लाभ आज उन्नत कृषि में ले रहा हूं। इसी प्रकार स्टॉक मार्केट की बारीकियां सीखी, देश के ट्रेड एक्सपर्ट को सुना और समझाए बहुत गहराई से मार्केट स्टडी की जिससे शेयर मार्केट में किया निवेश कई गुना तक बढ़ा पाया। यह सब बताने के पीछे का अर्थ यह है कि आप समझ लें कि जो करना चाहते हैं उसके बारे में पूरा ज्ञान लीजिए, एक्सपर्ट से सीखिए उसे अप्लाई कीजिए फिर कमाल देखिए। अंत में उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता प्रयासों लेना दो ही परिणाम हो सकते हैं। असफल होने पर निराश नहीं होना है। कोई अनुचित कदम नहीं उठाना चाहिए। हमेशा याद रखें कि जिंदगी किसी एक एग्जाम, किसी एक प्रयास से कहीं ज्यादा कीमती है। इसलिए हमेशा सकारात्मक अप्रोच रखें। उन्होंने कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल और सीईओ जिला पंचायत के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित करियर गाइडेंस सेमिनार की सराहना की और कहा कि इस कार्यक्रम का नियमित आयोजन किया जाए जिससे छात्रों से संवाद बना रहे।
कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने भी बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने बच्चों से अपने समय का सदुपयोग करने और देश के भविष्य में अपना योगदान देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह समय महत्वपूर्ण है इसमें की गई मेहनत के जो परिणाम मिलते हैं उसका असर पूरे जीवन की दशा दिशा तय करते हैं।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, गुरूपाल भल्ला, मुकेश जैन, श्रीकांत सोमावार, सुभाष पाण्डेय, विवेक रंजन सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम श्रीमती पूनम सोलंकी, शोभा शर्मा, दिबेश सोलंकी, पंकज कंकरवाल, मुक्तिनाथ बबुआ, नरेश गोरख, श्री डिग्री लाल साहू, सूरज शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी बी. बाखला, नरेन्द्र चौधरी, के.के. स्वर्णकार, जे.के.राठौर, भुवनेश्वर पटेल, श्री आलोक स्वर्णकार, सुश्री तरसिला एक्का उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मंच संचालन प्राचार्य श्री राजेश डेनियल ने किया।
सही समय पर सही प्लानिंग से बनेगा सफल करियर
इस बात पर जोर दिया कि एक सफल करियर के लिए सही समय पर प्लानिंग और उसे अमल में लाना बेहद जरूरी है। छात्रों से कहा अभी आप ऐसे फेस में हैं जहां से 6-7 सालों की योजना बना कर जमकर मेहनत करेंगे तो आप अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे। उन्होंने अपने व्यक्तित्व को सशक्त बनाने के लिए काम करने की सीख दी। उन्होंने अपने यूपीएससी इंटरव्यू का अनुभव बांटते हुए बताया कि इंटरव्यू में उनसे कहा गया कि आप सिर्फ ग्रेजुएट हैं। इस पर मेरा जवाब था कि आप ने ही इस परीक्षा के लिए योग्यता ग्रेजुएट तय किया है। इंटरव्यू लेने वाली मैडम ने फिर पूछा यदि परीक्षा के लिए योग्यता 12 वीं पास मांगी जाती तो, मैने कहा फिर मैं 12 वीं पास कर के ही इस एग्जाम में बैठ जाता। उन्होंने कहा यह बताने का मतलब यह है कि पढ़ाई ऐसी हो जो आपको अपने लक्ष्य हासिल करने में काबिल बनाए। उन्होंने आगे कहा कि लक्ष्य तय करना भी महत्वपूर्ण कार्य है। बहुत से लोग कई डिग्रियां ले लेते हैं लेकिन जीवन में करना क्या है इसको लेकर लगातार दुविधा में रहते हैं। यह दुविधापूर्ण मनोदशा घातक है। यह समय के साथ आपकी ऊर्जा भी नष्ट करते हैं। इसलिए सही समय पर सही प्लानिंग जरूरी है।
जागो मोहन प्यारे से शुरू हुआ सफर लेकर गया यूपीएससी के निबंध तक
अपने स्कूली दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि स्कूल में जब परीक्षा होती थी तो पाठ याद कर के जवाब लिखने को कहा जाता था। किंतु घर वालों ने कहा कि अपने मन से उत्तर लिखने का अभ्यास करो। इससे रचनात्मकता बढ़ती है। स्कूल में जागो मोहन प्यारे चैप्टर पर परीक्षा हुई। सुबह जल्दी क्यों उठना चाहिए सवाल पूछा गया। मैने अपने मन से उत्तर लिखा। यह उत्तर शिक्षक को तो पसंद नहीं आया किंतु इससे मेरी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को लेखनी में उतारने के लिए बल मिला। इसका फायदा आगे चलकर यूपीएससी की परीक्षा में निबंध के पेपर में मिले। 200 में से 155 अंक आए थे। जो संभवत: उस वर्ष निबंध के पेपर में सर्वोच्च अंकों में से थे। उन्होंने कहा कि यह घटना इसलिए आपको बता रहा हूं कि हमेशा अपने स्किलसेट पर काम करें।
बेसिक स्किल बढ़ाने लगातार करें मेहनत
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि छात्रों को अपनी बेसिक स्किल्स को बढ़ाने के लिए लगातार मेहनत करनी चाहिए। भाषा किसी भी छात्र के लिए सबसे बुनियादी कौशल है जिसमें उसे निपुण होना चाहिए। चाहे वह लेखनी में भाषा का उपयोग हो या अच्छे वक्ता के रूप में अपनी बातों का तरीका हो, जिन छात्रों का यह पक्ष मजबूत होता है उनकी सफलता की गुंजाइश काफी बढ़ जाती है। सिविल सर्विसेज हो या अन्य कोई प्रतियोगी परीक्षा हो में लेखन कौशल और इंटरव्यू में व्यक्तित्व को परखा जाता है। इसी तरह स्टेज फियर को भी छात्र जीवन में ही दूर कर लेना चाहिए। जिससे मंच में हजारों लोगों की भीड़ के सामने भी आप अपनी बात आत्मविश्वास के साथ कह सकें। इसके साथ ही उन्होंने अपने आसपास देश दुनिया में जो सम-सामयिक मुद्दे चल रहे हैं उनको लेकर सजग रहने और अपनी समझ बढ़ाने पर बल दिया।
वित्त मंत्री की किताब ‘करियर मार्गदर्शिका’ से 90 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की मिलेगी जानकारी, नि:शुल्क वितरण
वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि छात्रों को बारहवीं के बाद आगे किस फील्ड में क्या करियर ऑप्शन हो सकते हैं, उसकी परीक्षा कब और कैसे होती है, चयन के लिए अहर्ता, तैयारी की रणनीति का एक वृहत संकलन किताब के रूप ‘कैरियर मार्गदर्शिका’ के रूप में तैयार किया गया है। जिसमें 90 प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बारे में जानकारी मिलेगी। इसका नि:शुल्क वितरण कार्यशाला में आए छात्रों को किया गया।