Home रायगढ़ न्यूज ओपी ने जीवर्धन की दुकान में चाय बनाकर पिलाई पब्लिक को

ओपी ने जीवर्धन की दुकान में चाय बनाकर पिलाई पब्लिक को

by SUNIL NAMDEO EDITOR

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। सूबे के वित्त मंत्री विधायक रायगढ़ ओपी चौधरी आज फुटपाथ में जीवर्धन की चाय टपरी पहुंचे और चाय बनाकर आम जनता को पिलाई। उनको देखते ही वहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।

आत्मीयता से ओपी चौधरी ने भाजपा महापौर प्रत्याशी जीवर्धन के साथ उनकी टपरी में चाय बनाया और आम जनता को चाय पिलाते हुए कहा कि जीवन में कोई भी कार्य छोटा नहीं होता। बशर्ते, वह ईमानदारी लगन से किया जाए । जीवर्धन ईमानदारी की मिसाल हैं। देश की 80 करोड़ की आबादी जीवर्धन की तरह ईमानदार प्रयासों से अपना जीवन जीती है। जीवर्धन ने चाय बेचते हुए बतौर कार्यकर्ता तीन दशकों तक भाजपा की सेवा की। ईमानदारी की वजह से जीवर्धन को भाजपा का महापौर प्रत्याशी बनाया गया।

                   ओपी ने आगे कहा कि विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बनी डबल इंजन सरकार की ताकत जनता एक साल में महसूस कर चुकी। एक साल में विकास की इस राजनीति को जारी रखने के लिए अब ईमानदार प्रयास की अधिक जरूरत है इसलिए जनता से एक बार पुनः जीवर्धन को भारी मतों से विजयी बनाए ताकि गरीब जनता को उनके बीच का साथी सच्चे नेतृत्व कर्ता के रूप में मिल सके। 29 साल तक पार्टी की सेवा करते हुए चाय बेचकर गुजारा करने वाले जीवर्धन के अन्दर भाजपा ने उसकी कर्मठता लगन ईमानदारी को महसूस किया करते हुए महापौर हेतु प्रत्याशी बनाया जीवर्धन देश की 80 करोड़ गरीब आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।

             ओपी ने यह विश्वास जताते हुए कहा नालंदा परिसर, ऑक्सी जोन, सब्जी मंडी का कायाकल्प, 72 सड़को का डामरीकरण, केलो बांध के नहरों का जाल, प्रयास विद्यालय, हार्टिकल्चर कॉलेज, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, संगीत महाविद्यालय, ओडिशा सीमा से जांजगीर तक फोर लेन सड़क, पहाड़ मंदिर का जीर्णोद्धार सहित ढेरों विकास कार्य जनता ने एक साल के अंदर देख लिए। विकास की इस राजनीति जारी रखने के लिए अब ईमानदार प्रयासों की जरूरत है।

           चाय वाले को प्रत्याशी बनाए जाने पर कांग्रेस की आपत्ति के सवाल पर चुटकी लेते हुए ओपी ने कहा, डूबते जहाज से जीवन रक्षा के लिए भागने के दौरान भगदड़ मच जाती है यही स्थिति कांग्रेस की है। कांग्रेस को डूबता जहाज बताते हुए कहा जनता ने कांग्रेस को समय दिया, लेकिन भ्रष्टाचार एवं गुटीय लड़ाई में जन हित को भूल बैठी।

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