अन्नधरी माता की नगरी पहरिया में सामाजिक बन्धुओं ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। छत्तीसगढ़ पटवा-नामदेव समाज की प्रांतीय समिति की तिमाही बैठक अन्नधरी माता की नगरी पहरिया (जांजगीर-चाम्पा) में हुई। मन्दिर परिसर में सामाजिक बन्धुओं ने गहन मन्त्रणा करते हुए कई ऐसे अहम निर्णय लिया, जो वर्तमान परिवेश में बेहद आवश्यक है।
माता अन्नधरी मंदिर और पहरिया पाठ प्रांगण में प्रांतीय समिति के अध्यक्ष प्रवेश पटवा, सचिव राघवेंद्र नामदेव सहित पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम संत शिरोमणि नामदेव की छायाचित्र की पूजा अर्चना की। तदुपरांत विभिन्न जिलों से पहुंचे सामाजिक प्रतिनिधियों ने उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराते हुए कई विषयों पर गहन चर्चा भी की। बैठक में प्रांतीय महासम्मेलन दिसंबर माह में आयोजित करने की चर्चा हुई, जिसमें प्रांतीय समिति ने इच्छुक जिलों को आगे आकर अपना प्रस्ताव देने का आग्रह किया। बिलासपुर जिले के पदाधिकारियों ने प्रांतीय महासम्मेलन के आयोजन का प्रस्ताव प्रांतीय समिति के समक्ष रखा। इसे प्रांतीय समिति ने उपस्थित जिला प्रतिनिधियों की सहमति से स्वीकार कर अगला प्रांतीय महासम्मेलन दिसंबर माह में बिलासपुर जिले में करने का निर्णय लिया।
कुछ क्षेत्रों में जहां अभी तक जिला समिति का नवीनीकरण नही हुआ, वहां जिला समिति का नवीनीकरण जल्द से जल्द स्वजातियों के सहयोग से पूर्ण कराने का निर्णय भी सर्वसहमति से लिया गया। बैठक में सभी जिला प्रतिनिधियों की सहमति से निर्णय लिया गया कि वे अपने-अपने जिलों में ग्राम इकाई का गठन कर जल्द से जल्द कर प्रांतीय समिति को सूचित करेंगे। वहीं, महासम्मेलन के वित्तीय फण्ड के विषय में गहन चर्चा कर एक योजना पर निर्णय लिया गया।
बैठक में छिपिया मेटर पर प्रांतीय समिति की तरफ से आयोग द्वारा मांगे गए दस्तावेज की जानकारी प्रांतीय सचिव एवं अध्यक्ष द्वारा उपस्थित जिला प्रतिनिधियों को देते हुए उनसे सहयोग का अनुरोध किया गया। इसी तरह मृत्युभोज के विषय में चर्चा कर सर्वसहमति से निर्णय लिया गया कि मृत्युभोज करवाना या नहीं करवाना, क्या खिलाना और भोज कैसे कराना, यह शोकाकुल परिवार की इच्छा होगी इस पर समाज या संगठन किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं करेगा।
बैठक में एक सामाजिक प्रकरण भी समाज के समक्ष समाधान के लिए प्रस्तुत हुआ। चूंकि, यह विषय पहले से ही न्यायालय मे विचाराधीन है इसलिए समाज इस विषय में कोई भी निर्णय नहीं ले सका। बहरहाल, पहरिया में हुई बैठक में छग पटवा-नामदेव समाज ने अपनी एकता दिखाते हुए यह जरूर साबित किया कि समाज की मजबूती और उन्नति के लिए वे बेहद सक्रिय हैं।