Home रायगढ़ न्यूज धनागर के सरकारी कब्रस्तान में सरपंच गिरवा रहा जिंदल का फ्लाईएश

धनागर के सरकारी कब्रस्तान में सरपंच गिरवा रहा जिंदल का फ्लाईएश

by SUNIL NAMDEO

पंच और ग्रामीण शिकायत पाती लेकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत धनागर के पंचों ने अपने ही सरपंच मयाराम उरांव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के सरकारी कब्रस्तान पर सरपंच ने ही जिंदल के फ्लाईएश गिरवा दिया है। नतीजतन, फ्लाईएश के दलदल में मवेशी फंसकर मर रहे हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों ने कलेक्टर से सरपंच की मनमर्जी की शिकायत करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है।

                   समीपस्थ ग्राम पंचायत धनागर के पंचों ने गांव की महिला-पुरुषों के साथ बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर हल्ला बोला। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के नाम शिकायत पाती लेकर आए ग्रामीणों ने अपने सरपंच मयाराम उरांव के विरुद्ध आग उगलते हुए जमकर भड़ास भी निकाली। पंच और ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम प्रेषित आवेदन में कहा है कि धनागर के सरकारी कब्रिस्तान में सरपंच मयाराम उरांव द्वारा जिंदल स्टील कंपनी से निकलने वाले जहरीले फ्लाईएश डस्ट को बिना ग्रामीणों की सहमति के 40 से 50 डम्पर गिराया गया है। गांव के लोग जब इसकी शिकायत सरपंच से करते हैं तो वे जनहित में जवाब देने की बजाए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।

सरपंच की इस गैरजिम्मेदाराना हरकत से क्षुब्ध पंच और ग्रामीण इसकी शिकायत पर्यावरण विभाग से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक कर चुके हैं, लेकिन बरसात के मौसम में सरपंच द्वारा फ्लाईएश को सरकारी कब्रिस्तान से नहीं हटाया गया है। ऐसे में वहां चारा खाने के चक्कर में पहुंचने वाले गाय-बैल और बछड़े सहित अन्य मवेशी दलदल में फँसकर मर रहे हैं। कइयों का तो कंकाल अभी भी फ्लाईएश के दलदल में पड़ा है। चूंकि, शासकीय कब्रस्तान में फ्लाईएश के दलदल से भविष्य में कोई आमजन भी फंसकर अपनी जान गंवा सकता है, इसलिए संभावित खतरे को देखते हुए कलेक्टर से उन्होंने आग्रह किया है कि वे सरपंच की मनमर्जी पर नकेल कसते हुए कब्रस्तान से फ्लाईएश को तत्काल हटवाने की दिशा में सकारात्मक पहल करें।

कलेक्टर के नाम हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपने वालों में धनागर के पंच सुखदेव, कीर्तन यादव, फिरोज कुमार, पुनीमति, आशीष कुमार, कांति के साथ काफी संख्या में ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे थे।

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