Home छत्तीसगढ़ पावर कंपनियों में जेई से एई का पदोन्नति कोटा 70 से घटाकर हुआ 40 प्रतिशत, डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने किया कड़ा विरोध

पावर कंपनियों में जेई से एई का पदोन्नति कोटा 70 से घटाकर हुआ 40 प्रतिशत, डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन ने किया कड़ा विरोध

by SUNIL NAMDEO

संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से बगिया में मुलाकात कर सौंपा ज्ञापन

रायपुर (सृजन न्यूज)। पावर कंपनियों में जेई से एई के पदोन्नति का कोटा जो कि 70 प्रतिशत था उसे घटाकर 40 फीसदी कर दिया गया है। इसे लेकर अभियंताओं में भारी रोष व्याप्त है

                  पदोन्नति का कोटा कम किए जाने से पदोन्नति की राह देखते जूनियर इंजीनियरों को काफी लंबा समय इंतेज़ार करना पड़ेगा अनुमानतः अब 20 से भी अधिक वर्ष का इंतजार असिस्टेंट इंजीनियर बनने के लिए करना होगा। इसे लेकर विरोध में डिप्लोमा अभियंता संघ के आव्हान पर 2 सितंबर को डगनिया रायपुर स्थित कम्पनी के मुख्य द्वार पर अभियंताओं की भारी संख्या में उपस्थिति में गेट मीटिंग कर प्रबंधन को ज्ञापन सौंपते हुए पदोन्नति कोटा 70 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई थी। प्रबंधन द्वारा अब तक मांग अनुरूप आदेश जारी नहीं किए जाने के कारण संघ के पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्र में मंत्री, सांसद और विधायक से मिलकर लगातार ज्ञापन सौंप रहें है।

              इसी क्रम में पदोन्नति कोटा को 70 प्रतिशत किए जाने की मांग करने हेतु डिप्लोमा अभियंता संघ का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष बीबी जायसवाल और महासचिव समीर पांडेय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके गृहग्राम बगिया में 13 सितम्बर को मिला। संघ ने मुख्यमंत्री से विस्तारपूर्वक चर्चा कर पदोन्नति का कोटा पूर्व अनुसार ही 70 प्रतिशत यथावत रखे जाने का निवेदन किया। चूंकि जेई के पद पर नियुक्ति हेतु छत्तीसगढ़ का निवासी होना आवश्यक है, परंतु सहायक अभियंता के पद पर भर्ती हेतु ऐसी पाबंदी नहीं है। इससे छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों के लिए अवसर की भी कमी होगी। असिस्टेंट इंजिनियर के पद पर जेई यदि पदोन्नति से आते हैं तो शासन पर अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा।

                        संघ पदाधिकारियों द्वारा इन तमाम मुद्दों को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाते हुए संघ की मांग पदोन्नति कोटा 70 प्रतिशत करने हेतु उन्हें ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री से बहुत सहज और सकारात्मक चर्चा से संघ आशान्वित है कि संघ की मांग अनुरूप शीघ्र ही आदेश प्रसारित होगा जिससे पावर कंपनियों के इंजीनियरों की जायज मांग पर मोहर लगेगी।

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