Home क्राईम न्यूज 3 यतीम बच्चों को एमपी भेजने वाली मानव तस्कर गिरफ्तार

3 यतीम बच्चों को एमपी भेजने वाली मानव तस्कर गिरफ्तार

by SUNIL NAMDEO EDITOR

जशपुर। एसपी शशिमोहन सिंह ने नाबालिग बच्चों की मानव-तस्करी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इस मामले में आरोपिया रिश्तेदार ने तीन अनाथ बच्चों को सब्जबाग दिखाकर अपने रैकेट के जरिये मध्यप्रदेश के छतरपुर तक भेज दी। इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानव तस्कर अभी भी जिले में सक्रिय हैं।पुलिस की टीम इन रैकेट में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है।
                          दरअसल, 65 वर्षीय प्रार्थी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके नाती का करीब 07-08 वर्ष पूर्व एक्सीडेंट होने से मृत्यु हो गई, जिसके बाद नाती की पत्नी ने दूसरी जगह शादी कर घर बसा ली। प्रार्थी के नाती के 03 बच्चे हैं। सबसे बड़ी लड़की उम्र 14 साल, मंझली लड़की 12 साल एवं सबसे छोटा लड़का जो 10 साल का है। तीनों बच्चे प्रार्थी के बड़े भाई जो जन्म से अपाहिज है, उन्हीं के घर में रहते हैं। प्रार्थी एवं परिवार के लोग बीच-बीच में जाकर बच्चों की देख-भाल करते हैं। थाने में दिए तहरीर के मुताबिक  दिनांक 12 अप्रैल की शाम लगभग 4 बजे प्रार्थी बकरी चराकर वापस अपने घर में आया तो उसकी बहू ने उसे बताया कि उसके तीनों पड़पोते-पोती घर में बिना किसी को बताये कही चले गये हैं। प्रार्थी द्वारा बच्चों की पतासाजी के दौरान उसे गांव के लोगों से पता चला कि तीनों बच्चों को उनके निकट रिश्तेदार के साथ स्कूटी में बैठकर जाते देखा गया है। प्रार्थी द्वारा निकट रिश्तेदार है यह सोचकर वह उसी समय उसे फोन नहीं किया। प्रार्थी 3 दिन बाद रिश्तेदार को फोन करके बच्चों के संबंध में पूछा तो वह बच्चों को नहीं जानती हूं, मेरे पास नहीं है बताई। प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

             प्रकरण की अत्यंत संवेदनशीलता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर गुम बच्चों की पतासाजी हेतु लगाया गया, जिसकी मॉनिटरिंग स्वयं पुलिस अधीक्षक जशपुर द्वारा किया गया। टीम द्वारा तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर थाना लाया गया। पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि घटना दिनांक के 02 दिन पूर्व उनकी रिश्तेदार उनके घर में आई थी और बोली कि मेरे साथ चलो, तो वह प्रार्थी को बिना सूचित किये उक्त दोनों बच्चियों को अपने साथ लेकर अपने घर आई। 2 दिन अपने साथ रखी फिर 12 अप्रैल को उसने अपने स्कूटी वाहन से दोनों बहनों को उनके घर तपकरा क्षेत्र स्थित घर में लेकर आई और बोली कि तुम्हारे पिताजी का पैसा निकलेगा। तुम लोग साथ में रहोगे तब मिलेगा, तुम लोग बाहर जाकर काम करोगे तो उसका भी पैसा मिलेगा और तुम लोगों का अमीर घर में विवाह करा दूंगी जिंदगी अच्छे से कटेगा। तुम्हारे भाई को भी ले जायेंगे, चुपचाप चलना है। किसी को नहीं बताना है, कहते हुये अपनी बातों में लेकर तीनों भाई-बहन को स्कूटी वाहन में बैठाकर तपकरा आई और उन्हें बोली कि बस से कुनकुरी बस स्टैंड जाना फिर वहां से दूसरा बस पकड़कर कांसाबेल जाना है, मैं भी आती हूं। कांसाबेल बस स्टैंड में उसकी सहेली मिलेगी कहकर वह बस किराये के लिये 500 रू. दी। फिर वह एक बस में बिठाई एवं कुनकुरी में बस बदलकर कांसाबेल पहुंचने पर उनकी रिश्तेदार एवं उसके साथी मिले। रिश्तेदार की साथी ने उन्हें पुनः बस में बिठाकर अम्बिकापुर ले गई उसके बाद रेल्वे स्टेशन अंबिकापुर में ले जाकर अब मेरे साथ रहना है, कहते हुये ट्रेन के माध्यम से अनूपपुर होते हुये अपने घर छतरपुर (मध्यप्रदेश) ले गई।

                     रिश्तेदार के साथियों ने दोनों नाबालिग बहनों को कहा कि तुम लोग दिल्ली जाकर काम करना, अच्छा पैसा मिलेगा। तुम लोगों का शादी भी कराना है, तुम्हारा भाई हम लोगों के पास रहेगा। आरोपियों ने तीनों भाई-बहन को 3-4 दिन अपने पास बंधक बनाकर रखे थे, किसी से बातचीत नहीं करने देते थे। इसी दौरान एक दिन उनके पास एक आदमी को शादी करने के लिये बुलाये, बच्ची द्वारा शादी करने से मना करने पर वह वहां से चला गया। इसी दौरान उन्हें पुलिस की सक्रियता के संबंध में जानकारी मिली एवं दबाव पड़ने पर वह अंबिकापुर तक उन बच्चों को छोड़ दिए। जशपुर जिले के एक गांव में निवासरत उक्त रिश्तेदार आरोपिया को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर बताई कि वह योजनाबद्ध तरीके से उक्त तीनों बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ घर में बिना किसी को बताये ले गई एवं दोनों बच्चियों को शादी करा दूंगी कहकर अपने साथियों को सौंप दी थी। रिश्तेदार ने बच्चियों की शादी कराने के लिये 3 लाख में सौदा कर ली थी जिसका एडवांस वह 20 हजार ले चुकी थी, 10 हजार रू. खर्च हो गये एवं शेष नगदी 10 हजार रू. नगद, स्कूटी वाहन एवं 01 नग मोबाईल को पुलिस द्वारा जप्त किया गया है। आरोपिया उम्र 35 साल का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।

                प्रकरण की विवेचना कार्यवाही, बच्चों की बरामदगी एवं आरोपिया की गिरफ्तारी में एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय, थाना प्रभारी तपकरा उ.नि. सुनील सिंह, स.उ.नि. प्रेमिका कुजूर, स.उ.नि. अनिल कामरे, स.उ.नि. सामुदान टोप्पो, म.आर. 633 मंजू यादव, आर. शिवपूजन साय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह ने कहा है कि मामले में 01 आरोपी गिरफ्तार है, अन्य फरार आरोपियों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी होगी, मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना हैं।

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