Home रायगढ़ न्यूज ग्राफ्टेड बैंगन की खेती से किसान मुरलीधर ने बदली आर्थिक तस्वीर

ग्राफ्टेड बैंगन की खेती से किसान मुरलीधर ने बदली आर्थिक तस्वीर

by SUNIL NAMDEO

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना ने दी नई दिशा, कम लागत में लाखों की आय का खुला रास्ता

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ जिले के खरसिया ब्लॉक के ग्राम करूमौहा के किसान मुरलीधर साहू आज आसपास के किसानों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। कभी परंपरागत धान की खेती करने वाले श्री साहू को लागत अधिक और लाभ कम होने के कारण खेती में संतुष्टि नहीं थी। इसी बीच उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अफसरों से संपर्क कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। यही मार्गदर्शन उनके कृषि जीवन में बड़ा बदलाव साबित हुआ।
    उद्यानिकी विभाग द्वारा समय-समय पर दी गई तकनीकी सलाह, प्रशिक्षण एवं प्रेरणा से उनका रूझान पारंपरिक खेती से बदलकर उद्यानिकी फसलों की ओर बढ़ा। विभाग की अनुशंसा पर उन्होंने अपनी एक हेक्टेयर भूमि में ग्राफ्टेड बैंगन फसल का रोपण किया। जैविक खाद और जैविक दवाओं के प्रयोग से लागत भी कम रही और उत्पादन क्षमता में बड़ा इजाफा देखने को मिला। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत उन्हें 20 हजार रुपए का अनुदान भी मिला। इससे आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था हुई और खेती की दिशा व दशा दोनों बदली। पहले जहां उपज 80 से 85 क्विटंल उत्पादन होता था, वहीं आधुनिक तकनीक अपनाने के बाद उपज बढ़कर 150 से 70 क्विंटल तक पहुँच गई। बाजार भाव अच्छा मिलने पर कुल आय 4.5 लाख रुपए और कुल लाभ लगभग 3 लाख रुपए तक पहुँच गया, जो पहले की तुलना में तीन गुना है।

मुरली ने अन्य किसानों में भी जगाई उम्मीद

मुरलीधर साहू की सफलता को देखकर आसपास के ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों के किसान भी उद्यानिकी फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। आधुनिक कृषि तकनीक, जैविक पद्धति और कम लागत में अधिक उत्पादन का संदेश दूर-दूर तक फैल रहा है। उनकी यह सफलता कहानी बताती है कि सही मार्गदर्शन, आधुनिक तकनीक और योजनाओं का लाभ लेकर किसान आज आर्थिक रूप से मजबूती की दिशा में बड़े कदम उठा सकते हैं।

“एक बीघा से बनी मिसाल”, ग्राफ्टेड बैंगन ने बदली आर्थिक स्थिति

खरसिया के किसान मुरलीधर साहू ने 1 हेक्टेयर में ग्राफ्टेड बैंगन की आधुनिक खेती अपनाकर उत्पादन को लगभग दोगुना कर दिया। जैविक विधियों, विभागीय मार्गदर्शन और बागवानी मिशन से प्राप्त अनुदान के सहारे उन्हें इस सीजन में करीब 3 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इस उपलब्धि ने क्षेत्र के किसानों में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाई है।

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