रायगढ़ (सृजन न्यूज)। बालपुर वाले वाचस्पति पंडित लोचन प्रसाद पांडेय के नवासे और चौबे खानदान के गौरव डॉ. जवाहर चौबे नहीं रहे। रायगढ़ के बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल में उपचार के दौरान बीते दरमियानी रात लगभग सवा 2 बजे उन्होंने सदा के लिए अपनी आंखें मूंद ली। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे।

29 मई 1947 को शहर की पुरानी बस्ती के सोनार पारा निवासी चौबे परिवार में जन्म लेने वाले जवाहर चौबे शुरू से ही होनहार थे। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए उन्होंने किशोरी मोहन त्रिपाठी कन्या महाविद्यालय के साथ कामर्स कॉलेज रायगढ़ के प्राचार्य का दायित्व भी बखूबी निर्वहन किया। सेवानिवृत्त होने के बावजूद वे समाजसेवा में सक्रिय रहते थे। डॉ. चौबे अपने पीछे 3 बेटी गरिमा चौबे, अणिमा, सीमा और इकलौते बेटे प्रितेश चौबे (कनाडा) समेत भरे पूरे परिवार को रोते बिलखते छोड़ गए हैं। वे भारतेंदु चौबे के चाचा थे।

रायगढ़ की शिक्षा जगत की अतुलनीय हस्ती डॉ. जवाहर चौबे की शवयात्रा कोतरा रोड विकास नगर स्थित उनके निवास स्थल से कल 4 दिसंबर के अपरान्ह 12 बजे निकलेगी। सर्किट हाउस रोड स्थित मुक्तिधाम उनका अंतिम संस्कार होगा।
