6 माह पहले के 5 कर्मचारी अभी भी हैं निलंबित, ताक रहे हैं बहाली आदेश
घरघोड़ा/रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। नगर पंचायत घरघोड़ा पुराने बिल्डिंग से निकलने के बाद नए भवन में इसी ढर्रे पर चल रहा है। विभिन्न क्रियाकलापों के चलते सुर्खियों में लंबे समय से है। इस बीच 6 माह के भीतर 6 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।डेढ़ माह पहले सहायक राजस्व लिपिक भी निलंबन हुए थे, जिनकी बाहली आरोप पत्र जारी नही होने पर हो गई। जबकि शेष इसकी राह तक रहे। ऐसे में जनप्रतिनिधियों द्वारा विभागीय सांठगांठ का आरोप लगाया जा रहा है।
दरअसल, 11 मार्च को सहायक राजस्व निरीक्षक ने अपनी अनुपस्थिति में ही प्रभारी सीएमओ का कार्यभार ले लिए और नगर पंचायत के परिषद की सामान्य सभा की बैठक में भी शामिल हो गये। वही उक्त बैठक हेतु 4 मार्च 2024 को पत्र क्रमांक 2193 से पार्षदों को 11 मार्च की बैठक हेतु सूचना जारी होती है, लेकिन जावक पंजी क्रमांक 2193 का अवलोकन में उक्त क्रमांक में कार्यपालन अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को अंतिम देयक हेतु पत्र जारी होना अंकित होता है। इसी अवधि पर तत्कालीन सीएमओ सुमीत मेहता का रामानुजगंज तबादला हो जाता है। उन्होंने वरिष्ठता के आधार पर सहायक राजस्व निरीक्षक शंभुदयाल पटनायक को चालू प्रभार दिया। चूंकि श्री पटनायक उस तारीख पर एक दिवसीय अवकाश आवेदन देते हैं। यानी उस दिन वह कार्यलय में अनुपस्थित रहते है।
यही नहीं, 11 मार्च को ही अनुपस्थिति के दौरान प्रभारी सीएमओ नपं परिषद की बैठक में उपस्थित बताये जाते हैं। शिकायत जांच पर यह स्पष्ट हुई थी। फिर, नगरीय संचानलय नगरीय प्रशासन ने शंभुदयाल पटनायक, सहायक राजस्व निरीक्षक, नगर पंचायत घरघोड़ा द्वारा परिषद की बैठक 11 मार्च के कार्यवाही विवरण दर्ज करते समय कार्यवाही पंजी में काफी मात्रा में रिक्त स्थान छोड़ने, विधि विरूद्ध अवकाश लेने, आचरण एवं व्यवहार कुशल नहीं होने से हो रही बार -बार शिकायत पर निलबिंत 20 सितंबर को कर दिए। अब वें 45दिन के भीतर ही बहाल हो गए। इधर पूर्व में जून माह में निलबिंत कर्मचारी अभी भी निलंबन अवधि में है। इससे इस नगर पंचायत के राजनीतिक गलियारों में जनप्रतिनिधियों से लेकर आम जनता के चर्चा का विषय बन चुका है। जनप्रतिनिधियों द्वारा सांठगांठ का आरोप लगाया जा रहा है।
हाईकोर्ट में निलंबन आदेश को दी चुनौती
घरघोड़ा नगर पंचायत में पदस्थ लिपिक के कार्यो में लापरवाही पाए जाने पर विभाग ने संज्ञान लेते हुए निलबिंत कर दिया। ततपश्चात उन्हें अटैच में घरघोड़ा से बिलासपुर पदस्थापना किया गया। इस बीच प्रशासन के आदेश पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट उन्होंने हाईकोर्ट का दरवजा भी न्याय के लिए खटखटाया है। हालांकि, यहां सुनवाई होने से पहले ही उन्हें उनकी बहाली हो गई हैं। इस परिस्थितियों में कोर्ट तथा आपत्ति करता का क्या रुख होगा, यह भी देखना लाजमी होगा।
जनप्रतिनिधियों द्वारा दोहरे मापदंड पर उठाया जाने लगा सवाल
विभागीय कार्रवाई में सचिवालय द्वारा सीएमओ सहित 5 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था। यह कार्रवाई जून माह में हुई थी, जिसमे अभी तक किसी भी कर्मचारियों को बहाल नही किया गया है। दूसरी ओर सहायक राजस्व निरीक्षक के निलंबन वापस होने यानी बहाल होने पर दोहरे मापदंड पर सवाल उठ रहा है। वहीं, निलंबित कमर्चारी इस तर्ज पर बहाली की राह देख रहे हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस सम्बंध में पूरी रिपोर्ट घरघोड़ा सीएमओ से मंगाया जाएगा। इसके बाद पूरे घटना और कार्रवाई की वर्तमान स्थिति बता पाउंगा।
राकेश जायसवाल
संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन बिलासपुर
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45 दिवस के भीतर आरोप पत्र जारी ना होने के कारण निलंबित कर्मचारी का स्वयं बहाल हो जाना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है। इस मामले को उच्च अधिकारियों को गम्भीरता से लेते हुये कदम उठाना चाहिये।
विजय शिशु सिन्हा
पूर्व अध्यक्ष, पार्षद नपं घरघोड़ा