रायगढ़ (सृजन न्यूज)। शहर के दरोगा पारा स्थित एबीएल इंग्लिश स्कूल में 13 जून को एक दिवसीय शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यशाला एवं स्कूल रेडिनेस के अन्तर्गत “चेतना विकास मूल्य शिक्षा” (प्रणेता ए. नागराज) के आलोक में वर्तमान शिक्षा-व्यवस्था से क्या-क्या अपेक्षाएं हैं ? क्या आज ये पूरी हो पा रही हैं ? इस संवाद से पता चला कि चेतना विकास को लक्ष्य बनाए बिना मूल्य शिक्षा का स्वरूप स्पष्ट नहीं होगा।
शिष्टतापूर्ण दृष्टि का उदय होने की प्रक्रिया ही शिक्षा है। शिक्षा को समझ और कौशल के रूप में समझने का प्रयास किया गया अर्थात् शिक्षा का मानवीयकरण करना ही इसका एकमात्र विकल्प है, साथ ही धरती में पदार्थ अवस्था, प्राण अवस्था, जीव अवस्था, मानव (ज्ञान अवस्था), परिवार, समाज व मानवीय कृत व्यवस्था के बीच आपसी संबंध और उनमें निहित 30 मूल्यों पर संक्षिप्त में आपसी संवाद किया गया। जन्म से ही हर बच्चा जिज्ञासु होता है और से पूरा करना ही शिक्षा का विजन और मिशन है, इस पर ध्यान गया।
इस कार्यक्रम में स्कूल की हेड मिस्ट्रेस श्रीमती पूर्णिमा गायकवाड़, मैनेजमेंट इंचार्ज रेखा साव और प्रदीप वर्मा सहित 15 शिक्षिकाएं, समस्त स्टॉप एवं मार्गदर्शक के रूप में डायरेक्टर अजय वर्मा व श्रीमती मोना आर्या वर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। लगभग 20 लोगों ने मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया। इस एक दिवसीय शिविर सह कार्यशाला में प्रत्यक्ष सहयोगी एवं साक्षी मानवीय जागृति सेवा संस्थान गोर्राडीपा के प्रबोधक नित्यानंद डनसेना रहे।

