Home राजनीतिक कांग्रेस ने सिविल सर्जन डॉ. दिनेश पटेल और डॉ. मीना पटेल के खिलाफ खोला मोर्चा

कांग्रेस ने सिविल सर्जन डॉ. दिनेश पटेल और डॉ. मीना पटेल के खिलाफ खोला मोर्चा

by SUNIL NAMDEO

कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर को शिकायत पाती देकर दोषी डॉक्टर्स पर की कार्यवाही की मांग

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक मीना पटेल और सिविल सर्जन दिनेश पटेल द्वारा वृद्ध महिला के साथ उपेक्षित व्यवहार तथा मरीज की सेवा में कमी जैसे अव्यवहारिक कृत्य पर कार्यवाही किए जाने के लिए जिला कांग्रेस कनेटी के अध्यक्ष अनिल शुक्ला, पूर्व विधायक प्रकाश नायक, कांग्रेस नेता सलीम नियारिया, विकास शर्मा, शाखा यादव, संदीप अग्रवाल, प्रदीप चंद्र टोप्पो, मिंटू मसीद, वसीम खान ने कलेक्टोरेट कार्यालय जाकर हस्ताक्षरित पत्र कलेक्टर के नाम सौंपा।
               कलेक्टर को प्रेषित पत्र में बताया कि 5 अगस्त को वसीम खान निवासी बाजीराव पारा वार्ड नंबर 30, अपनी माता श्रीमती जैबुन निशा को उनके आंख के उपचार हेतु सरकारी जिला चिकित्सालय लेकर गए थे। इस दौरान ओपीडी में ड्यूटीरत नेत्र विशेषज्ञ सुश्री मीना पटेल ने महिला का परीक्षण और निदान अधूरे में यह बोलकर छोड़ दिया गया कि अभी दोपहर के 1 बजे हैं और हम सभी चिकित्सक 1 बजे तक ही ड्यूटी करते हैं। अब आपको शाम की ओपीडी में दोबारा आना होगा तभी मैं उपचार करूंगी। वसीम ने कई बार आग्रह किया गया किंतु उक्त चिकित्सक ने एक भी नहीं सुनी। यहां तक कि वहां खरसिया से आए दो मरीजों ने भी कहा कि हम बेशक कल आ जाएंगे किंतु बुजुर्ग माताजी का उपचार कर दीजिए, लेकिन लेडी डॉक्टर उनके निवेदन को भी अनसुना कर वहां से चली गई। 

        वहीं, वसीम ने पूरे मामले से सिविल सर्जन डॉ. दिनेश पटेल को अवगत कराया तो उन्होंने  भी महिला चिकित्सक के प्रतिकूल व्यवहार की तरफदारी करते हुए कांग्रेस नेता के साथ फोन पर बदसलूकी से संवाद किया गया। यही नहीं, सीएस डॉ. पटेल को मरीज के परिजनों ने कहा कि इस घटना के बारे में मीडिया को बताएंगे तो उनके द्वारा कहा गया जो करना है कर लो। ऐसा बर्ताव एक जिम्मेदार कांग्रेस नेता के साथ हो रहा है। यह पूरी घटना जब जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्री शुक्ला और पदाधिकारियों के संज्ञान में आई तो उन्होंने भी माना कि कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारी द्वारा किसी मरीज के साथ किया गया ऐसा व्यवहार कदापि शोभनीय नहीं होता।
  पूर्व विधायक प्रकाश नायक ने भी कहा कि इस समूचे प्रकरण से न सिर्फ पीड़ित मरीज बुजुर्ग माता को और हमें गहरा आघात लगा है, साथ ही उस वक़्त वहां बैठे दर्जनों मरीजों की भी भावना जरूर आहत हुई होगी। अनिल शुक्ला ने कहा कि बीजेपी के शासन में सभी सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों व जिनका मानवीय सेवा से सीधा सर्वकार है उन अधिकारियों की मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं। हम आम लोग डॉक्टर्स को धरती के भगवान के रूप में मान्यता देते हैं और उन पर भरोसा करते हैं। वृद्ध महिला मरीज के साथ हुई इस घटना में महिलां चिकित्सक और सिविल सर्जन डॉ दिनेश पटेल का व्यवहार पूरी तरह से मेडिकल एथिक्स के विपरीत है क्योंकि कोई भी डॉक्टर अपने मरीज का उपचार अधूरे में छोड़कर नहीं जाता है और न ही ऐसे अमानवीय कृत्य की तरफदारी कर मरीज या उनके परिजनों से बदसलूकी करता है।

                जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए समूचे चिकित्सा विभाग को रोगियों व उनके परिजनों के साथ संवेदनशीलता से पेश उसने की हिदायत दी, साथ ही इस घटना के लिए दोषी डॉ. मीना पटेल व सिविल सर्जन डॉ. दिनेश पटेल दोनों को ही कांग्रेस पदाधिकारी तथा उनकी वृद्ध माता से किये गए अशिष्ट व्यवहार के लिए अविलंब माफी मांगनी चाहिए। बहरहाल, कांग्रेस नेताओं ने पत्र प्रेषित कर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी से भी आग्रह किया है कि मेडिकल कार्य मे लगे चिकित्सक जब पीड़ित मानव की सेवा की शपथ की उपेक्षा करें तो उन पर जो उचित कार्यवाही दंड विधान में हो प्रशासन द्वारा जरूर की जानी चाहिए। उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं होने पर कांग्रेस पार्टी द्वारा आंदोलन भी किया जायेगा।

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