सारंगढ़-बिलाईगढ़ (सृजन न्यूज़)। जिले की पहचान में शामिल गोमर्डा वन्यजीव अभ्यारण्य के माड़ोसिल्ली क्षेत्र का कलेक्टर डॉ
. संजय कन्नौजे ने भ्रमण किया। कलेक्टर ने बरमकेला मार्ग के मल्दा सड़क मार्ग से माड़ोसिल्ली जलप्रपात का आकस्मिक अवलोकन किया। बरसात के इस मौसम में जंगल से लगातार पानी
की कलकल और झरने का झरझर
करते आवाज 100 मीटर की दूरी तक गूंज रहा था।
भ्रमण के दौरान कलेक्टर डॉ
. कन्नौजे ने वहां के नजारे को माड़ोसिल्ली के जल प्रवाह से कुछ दूर स्थित चट्टान पर बैठकर देखा और अपने मोबाइल में शूट किया। कलेक्टर ने वहां के इर्द गिर्द स्थलों का मुआयना किया।
मचाननुमा बिल्डिंग के द्वितीय तक पर चढ़कर कलेक्टर डॉ
. कन्नौजे ने सीईओ जिला पंचायत इंद्रजीत बर्मन, डिप्टी कलेक्टर अनिकेत साहू, सीईओ जनपद पंचायत बरमकेला अजय पटेल, वनकर्मी के साथ माड़ोसिल्ली में किस प्रकार से किसी संभावित दुर्घटना के पूर्व बेरीकेटिंग किया जाए, कहां पर सेल्फी जोन बनाया जाएगा, पगोड़ा बनाने का प्लान, जहां पर्यटक कुछ देर तक आराम करेंगे आदि कई बिंदुओं पर कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ चर्चा किया। इसके बाद दिलनुमा (हार्ट) सेल्फी जोन में कलेक्टर ने सेल्फी फोटो खिंचवाई।
कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने अपने अधिकारियों के दल के साथ गोमर्डा अभ्यारण्य के लगभग 20 किलोमीटर क्षेत्र का कार से अवलोकन किया। इस दौरान नीलगाय, मोर, वनभैंसा वन में विचरण कर रहे थे। कलेक्टर सहित सभी टीम जिस तरह से वन भैंसा के समूह को देख रहे थे, ठीक उसी तरह वन भैंसा का झुंड कलेक्टर सहित पूरी टीम को खड़े होकर देख रहे थे। कलेक्टर डॉ. कन्नौजे ने वन भैंसा पीछे बैकग्राउंड में आए, ऐसा फोटो मोबाइल से खिंचवाए। इस प्रकार मल्दा वाली सड़क मार्ग से कलेक्टर सारंगढ़ जिला मुख्यालय को लौटे। इस दौरान क्षेत्र के सरपंच, सचिव, क्षेत्र के गणमान्य नागरिक मौके पर उपस्थित थे।
गोमर्डा अभ्यारण का नामकरण
माड़ोसिल्ली से जुड़ा हुआ गोमर्डा गांव स्थित है। इसी गांव के नाम पर सारंगढ़ और बरमकेला तहसील में गोमर्डा दो रेंज में बंटा हुआ है। यहां हाथी, चीता, भालू, वन भैंसा, मोर, बंदर, नीलगाय, जंगली सूअर, लोमड़ी आदि बहुतायत में पाए जाते हैं। बाघ, शेर आदि का आकस्मिक विचरण वर्षों के अंतराल में विभिन्न संचार माध्यमों से लोगों को सुनाई देता है।
माड़ोसिल्ली जलप्रपात
गोमर्डा अभ्यारण में माड़ोसिल्ली जलप्रपात महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां वन विभाग द्वारा पर्यटकों के रुकने के लिए कमरे किराए पर उपलब्ध है। माड़ोसिल्ली का यह झरना यह देखने वालों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। पानी की धार से तराशे गए इन चट्टानों में नुकीले और धारदार चट्टान कई स्थानों पर किसी को काटने, खरोंच पहुचाने की क्षमता भी रखती है। बेशक यह सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट माड़ोसिल्ली जलप्रपात ही है, जो अपनी खूबसूरती तथा आसपास के मनोरम दृश्य के लिए सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पर्यटन और सैरसपाटे के इस बरसात के मौसम में मनोरम दृश्य हमें मजबूर करते हैं कि हम भी मस्ती और मनोरंजन के लिए परिवार तथा दोस्तों के साथ इन जगहों में जाएं। चूल्हा बनाकर आग जलाएं, पसंद का खाना बनाएं और आसपास के खूबसूरत सा नजारों को देखकर कुछ गाते, गुनगुनाते, नाचते हुए हमेशा के लिए अपनी यादगार तस्वीर सेल्फी से या कैमरों में कैद करें। यह पिकनिक स्पॉट देखने जाए तो आसपास के मनोरम दृश्य को देखे। शांत वातावरण में कलकल, झर-झर बहती पानी की आवाज तो उनकी तरंगों को सुने, बादलों के साथ नीले आसमानों की पानी में बनती तस्वीरों को देखे, चमकते चट्टानों को हीरे के चमक के रूप में दूर से देखे। पक्षियों की चहचहाहट, कलरव को सुने। गुनगुनी धूप का आनंद लें और कभी धूप लगने पर पेड़ों की छांव में बैठकर देखे। कुछ देर खुद को यहां चलती हवाओं के साथ महसूस करके देखेंगे तो निःसंदेह प्रकृति का अनुपम दृश्य आपकों भावविभोर कर देंगे।
रखें सावधानियां
वनकर्मी जितना दूर से देखने के लिए निर्देश दें, उतने ही दूर से पर्यटकों को देखना चाहिए। इसी प्रकार इन स्थानों में शराब सेवन के साथ नहाना या खतरनाक स्थानों पर सेल्फी बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। प्रकृति ने नदी व पहाड़, झरने, जंगल का मनोरम दृश्य आपके हृदय में खूबसूरती और सुकून का भाव उत्पन्न करने के लिए दिए हैं, न कि ऐसे जगहों में जाकर जोखिम लेने और जिंदगी गंवा देने के लिए दिए हैं। माड़ोसिल्ली ल जलप्रपात में पानी का भराव, पत्थरो की खतरनाक श्रृंखला है। मुझे तैरना आता है यह सोचकर पानी में बिल्कुल भी न उतरे। सैर सपाटे के लिए पहुँचने के पश्चात आसपास के मनोरम दृश्यों को निहारे। कैमरे में इन दृश्यों को कैद कर खुद की भी तस्वीर ले लेकिन पानी में उतर कर नहाने का साहस न करें। आप बहुत ही सावधानी से वाहन चलाते हुए ऐसे स्थानों पर जाए। शराब का सेवन न करें और पिकनिक मनाने आने पर यहाँ गंदगी न फैलाएं। पिकनिक जाने के दौरान अपने साथ एहतियात के तौर पर रस्सी और अन्य सुरक्षा उपकरण भी अवश्य रखें। कोशिश करें कि आप दिन के उजाले में घर से बाहर निकले और अंधेरा होने से पहले ही लौट आएं।

