सारंगढ़-बिलाईगढ़ (सृजन न्यूज़)। जिले में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू और परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान ने रेशम विभाग के टसर फार्मों का निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों द्वारा अपनी निजी भूमि पर सिल्क समग्र-2 योजना के तहत किए गए शहतूत के रोपण का भी बारीकी से निरीक्षण किया।
कलेक्टर साहू ने किसानों से सीधे बातचीत की और उन्हें इस परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि प्रशासन उनकी हर संभव मदद करेगा और उन्हें रेशम उत्पादन के क्षेत्र में सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान ने किसानों को शहतूत के पेड़ों की देखभाल और रेशम कीटों के पालन के बारे में किसानों को बताया कि शहतूत के पेड़ रेशम कीटों के लिए भोजन का मुख्य स्रोत होते हैं और इनकी उचित देखभाल से रेशम उत्पादन में काफी वृद्धि की जा सकती है।
किसानों ने कलेक्टर और परियोजना निदेशक को बताया कि उन्हें इस परियोजना से काफी उम्मीदें हैं और वे इस योजना के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर ग्रामोद्योग रेशम प्रभाग के नोडल अधिकारी मधु चंदन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में जिले के बार गांव के किसान गणेशराम सिदार को टसर कृमि पालक के लिए बेस्ट एचिवर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। कलेक्टर और परियोजना निदेशक द्वारा रेशम फार्मों का निरीक्षण करना रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इस निरीक्षण से किसानों को प्रोत्साहन मिला है और उन्हें रेशम उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है। आशा है कि इस योजना के माध्यम से सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला रेशम उत्पादन में एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा। कसिल्क समग्र-2 योजना केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसानों को शहतूत के पेड़ लगाने और रेशम कीटों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
केंद्रीय रेशम बोर्ड एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। केंद्रीय रेशम बोर्ड की मुख्य गतिविधियों में अनुसन्धान और विकास, चार स्तरीय रेशम कीट बीज उत्पादन नेटवर्क का रखरखाव, वाणिज्यिक रेशमकीट बीज उत्पादन में नेतृत्व की भूमिका, विभिन्न उत्पादन प्रक्रियाओं में गुणवत्ता मानकों मानकीकृत और स्थापित करना और रेशम उत्पादन और रेशम उद्योग से सम्बंधित सभी मामलों पर सरकार को सलाह देना, का कार्य शामिल है। इन गतिविधियों को केंद्रीय क्षेत्र की योजना “सिल्क समग्र -2”, के माध्यम से देश भर में फैली इकाइयों के नेटवर्क द्वारा किया जाता है, जो रेशम उद्योग के विकास के लिए एक एकीकृत योजना है, जिसे आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा 19 जनवरी 2022 को अनुमोदित किया गया है। रेशम समग्र-2 योजना में शहतूत, वन्य और कोसोत्तर क्षेत्रों के अधीन विभिन्न घटक और उप- घटक शामिल हैं। यह कार्यक्रम विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा, कच्चे रेशम की गुणवत्ता, उत्पादकता और उत्पादन में सुधार के लिए राज्य सरकारों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों के प्रयासों में तालमेल बैठाता है।