Home रायगढ़ न्यूज सीएमओ मैडम गायब रहतीं हैं दफ्तर से, फरियादियों का नहीं हो रहा समाधान

सीएमओ मैडम गायब रहतीं हैं दफ्तर से, फरियादियों का नहीं हो रहा समाधान

by SUNIL NAMDEO

घरघोड़ा नगर पंचायत में अफसरशाही हावी प्रशासनिक ठहराव गहराया

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ जिले के नगर पंचायत घरघोड़ा में सीएमओ मैडम की लगातार अनुपस्थिति को लेकर नए खुलासे सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार सीएमओ मैडम न केवल कार्यदिवसों में कार्यालय से नदारद रहती हैं, बल्कि हर हफ्ते शुक्रवार को अचानक गायब हो जाती हैं। शनिवार-रविवार की छुट्टियों के बाद सोमवार को भी देर से पहुंचती हैं, जिससे हफ्ते के अधिकांश दिनों में नागरिकों को उनसे मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है। पहले से रुके हुए कार्यों और प्रभावित जल आपूर्ति-सफाई व्यवस्था के बीच यह रवैया जनता की परेशानियों को और बढ़ा रहा है। प्रशासनिक कामकाज ठप होने से कार्यालय में आने वाले लोगों की भीड़ रोज लौटती है, लेकिन समाधान कहीं नहीं मिलता।

नियमित उपस्थिति की उच्चाधिकारियों की नसीहत भी बेअसर

मामले के बढ़ने पर एसडीएम और कलेक्टर कार्यालय ने हाल ही में सीएमओ को नियमित उपस्थिति के निर्देश दिए थे, परंतु उनका असर जमीन पर बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा। लगातार अनुपस्थिति, देर से आना और समय से पहले निकल जाना अब आम शिकायत बन गई है। कई पार्षदों ने बताया कि फाइलें रुकी पड़ी हैं और नगर की मूलभूत सेवाएं सीधे प्रभावित हो रही हैं। नागरिकों का कहना है कि एक अधिकारी जब सप्ताह में ठीक से उपस्थित ही नहीं होतीं, तो विकास कार्यों और शिकायतों पर कार्रवाई कैसे होगी। नगर में अब यह चर्चा भी तेज है कि अधिकारी जानबूझ कर जिम्मेदारियों को हल्के में ले रही हैं।

भगवान भरोसे हुई व्यवस्था

कुछ समय पूर्व तक सीएमओ की अनुपस्थिति के बावजूद नगर पंचायत अध्यक्ष सिल्लू चौधरी लगातार स्वयं मोर्चा संभाल रहे थे, उनकी सक्रियता भी अब कम ही दिख रही है। मानो शासन और प्रशासन ने मिलकर नगर पंचायत घरघोड़ा को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। अधिकारियों की गैरमौजूदगी से कामकाज में बाधा आ रही है। वार्डों में जल आपूर्ति से लेकर सफाई व्यवस्था तक, कई जरूरी कार्य प्रभावित हैं और विकास कार्यों की फाइलें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि अधिकारी सप्ताह में नियमित रूप से उपस्थित ही नहीं होंगी, तो नगर का प्रशासन कैसे चलेगा। नागरिकों ने जिला प्रशासन से त्वरित हस्तक्षेप और सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि नगर पंचायत की व्यवस्था फिर से पटरी पर लौट सके।

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