रायगढ़ (सृजनन्यूज)। कला और संस्कार धानी नगरी में चल रहे चक्रधर समारोह की चौथी संध्या दिल्ली के शिव प्रसाद राव शास्त्रीय गायन पर अपनी प्रस्तुति देते हुए खूब समां बांधा।
उनका मानना है कि शास्त्रीय संगीत भावों और रागों का खूबसूरत संगम है। शिव प्रसाद आकाशवाणी दूरदर्शन सहित विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं। शास्त्रीय गायन की शुरुआत वैदिक काल से हुई। शास्त्रीय संगीत की दो पद्धतियां हैं हिंदुस्तानी संगीत और कर्नाटक संगीत।
पंडित शिव प्रसाद की शिक्षा दीक्षा कटक में हुई हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन में विशेष रुचि के कारण ग्वालियर शास्त्रीय घराने से उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया। हिंदुस्तानी संगीत में ध्वनि के प्रधानता होती है जबकि कर्नाटक संगीत में भाव की प्रधानता होती है।