रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। चक्रधर समारोह 2025 की नवमी संध्या भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति रस की अनूठी प्रस्तुति से यादगार बन गई। महाराष्ट्र के प्रख्यात पार्श्व गायक मंगेश बोरगांवकर ने अपनी मधुर वाणी में शास्त्रीय राग और भक्ति गीतों का ऐसा संगम प्रस्तुत किया कि पूरा सभागार सुर, लय और ताल की अद्भुत छटा में सराबोर हो गया।
उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत राग बागेश्वरी से की, जिसकी गहराई और माधुर्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद प्रस्तुत भजन “बाजे रे मुरलिया बाजे” ने पूरे वातावरण को भक्ति रस से भर दिया। बाल्यकाल से ही संगीत साधना में रमे मंगेश बोरगांवकर ने अपनी सधी हुई गायन शैली और लयबद्धता से दर्शकों के हृदय को स्पंदित कर दिया।
गौरतलब है कि बोरगांवकर देश के अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर चुके हैं। उन्हें अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। नवमी संध्या में उनकी प्रस्तुति ने न केवल समारोह की गरिमा को और बढ़ाया, बल्कि रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को भी नई ऊँचाई प्रदान की।