नवमी संध्या तबले की मधुर स्वरलहरियों से हुआ गुंजायमान
रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। चक्रधर समारोह 2025 की नवमी संध्या ताल, लय और सुर की अद्भुत छटा से सराबोर रही। महाराष्ट्र के प्रख्यात तबला वादक डॉ. राम बोरगांवकर ने अपनी अनूठी प्रस्तुति से ऐसा समा बांधा कि पूरा सभागार तबले की थाप और स्वरलहरियों में डूब गया।
बनारस तबला घराने की गौरवशाली परंपरा से जुड़े डॉ.बोरगांवकर ने अपनी सधी हुई उंगलियों से तबले पर गणेश स्तुति और बनारस घराने की विविध शैलियों में ऐसी प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ताल और लय की सटीकता का यह अद्भुत संगम चक्रधर समारोह की सांस्कृतिक यात्रा का एक स्वर्णिम अध्याय बन गया।
प्रख्यात तबला वादक डॉ. राम बोरगांवकर बनारस के तबला सम्राट पंडित शारदा महाराज सहाय जी के पट्टशिष्य हैं। उन्होंने तालशास्त्र में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। उन्हें अब तक 3 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. बोरगांवकर ऑल इंडिया रेडियो के ए-ग्रेड आर्टिस्ट हैं और देश के प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में तबला सोलो प्रदर्शन कर चुके हैं। एक सफल वादक के साथ-साथ वे संगीत शिक्षा को भी समर्पित हैं।
डॉ. राम बोरगांवकर ने अनेक शिष्यों को तबले की तालीम दी है और वर्तमान में सरस्वती संगीत कला महाविद्यालय, लातूर तथा मराठवाड़ा संगीत कला अकादमी के अध्यक्ष के रूप में संगीत साधना को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।