सारंगढ़-बिलाईगढ़ (सृजन न्यूज)। जिले के नपं भटगांव में करोड़ों के निर्माण कार्य जैसे कॉम्प्लेक्स गार्डन, गौरवपथ इत्यादि हुए या फिर निर्माणाधीन हैं। इन निर्माण कार्यों पर लगभग 15 दिन पहले कांग्रेसियों द्वारा भ्रष्टाचार होने की आशंका जताते हुए कलेक्टर एवं अन्य प्रशासनिक अफसरों को निरीक्षण कर न्यायिक जांच के लिए ज्ञापन दिया गया। लेकिन, आज पर्यन्त असर नहीं दिखने के कारण आज ब्लॉक कांग्रेस कमेटी बिलाईगढ़ द्वारा विधायक कविता लहरे के नेतृत्व में बस स्टैण्ड में नगर विकास से जुड़ी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर चक्काजाम हुआ। यही नहीं, कांग्रेस के आव्हान पर व्यापारी संघ, फुटकर व्यापारी, सब्जी मार्केट और यहां तक स्कूल भी बंद रहे। खास बात यह है कि जिन मुद्दों को लेकर कांग्रेस धरना प्रदर्शन कर रही है, इसका सूत्रधार कमलेश कुर्रे पूर्व में ही अपना आवेदन वापस ले चुके हैं।
इस बंद के पीछे का कड़वा सच जो अदृश्य व छिपा है। क्या कांग्रेसी अपने ही पूर्व दबंग नेता के खिलाफ या वर्तमान कांग्रेसी नपं अध्यक्ष नर्मदा और उपाध्यक्ष प्रवेश दुबे के खिलाफ यह चक्काजाम व बंद किया। अहम विचारणीय प्रश्न यह है कि दिसंबर 23 तक छग की सत्ता पर कांग्रेस की भूपेश सरकार बैठी थी और नपं भटगांव में 2019 से 24 तक कांग्रेस सत्ता पर काबिज है, तो क्या अपने ही दबंग नेता और वर्तमान नपं अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेसी ही जाम और बंद का आव्हान कर बंद करने में सफल रहे। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला ही नहीं, बल्कि यह बंद प्रदेश के लिए भी एक मिसाल कायम करता दिख रहा है कि पूर्व कांग्रेस दबंग नेता के खिलाफ वर्तमान कांग्रेस विधायक ने चक्काजाम किया। या यह कहें कि नपं भटगांव में विराजमान कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ बंद और चक्काजाम हुआ। एक विचारणीय प्रश्न यह भी है कि इस चक्काजाम से आमजनों को जो तकलीफ हुई, उसका भुगतान त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा ।
विदित हो कि बस स्टैंड मे 7.15 तक चक्काजाम का असर नहीं दिखा तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थान बदल कर बिर्रा चौक भटगांव मे 7.30 बजे से चक्का शुरू कर दिया। इससे भटगांव-सरसींवा रोड, भटगांव चाम्पा रोड और भटगांव-गिधौरी रोड प्रभावित हुआ। 8.30 बजे तक बिर्रा रोड दुर्गा मंदिर के पास कांग्रेस के लगभग 20 कार्यकर्ता ही नज़र आये, जबकि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर सैकड़ों कार्यकर्ता दिखने चाहिए थे। विधायक श्रीमती लहरे की उपस्थिति में बंद का मजेदार पहलू देखने के लिए मिला कि कांग्रेस कार्यकर्ता धीरे – धीरे बंद से वापस अपने घरों की ओर जाते दिखाई दिए। ऐसा लगता है कि विधायक अपना जनाधार खोते हुए नजर आ रही हैं, क्योंकि भीड़ जो सिमटने लगी थी। चक्काजाम और बंद के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए पुलिस प्रशासन की पूरी तैयारी रही।आसपास थाने और चौकी से बल को भी तैनात किया गया था।
इस सत्य को भी झुठलाया नहीं जा सकता कि भटगांव नगर में करोड़ों रुपये के विकास व निर्माण कार्य हुए वे सभी कांग्रेस शासनकाल के हैं। इसका विरोध विधायक कविता लहरे के नेतृत्व में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के द्वारा की जा रही है। इस पूरे मामले का महत्वपूर्ण पहलू यह था कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया, क्योंकि अंत में पता चला कि मुख्य मुद्दा व्यवसायिक परिसर के नामकरण को अटल बिहारी वाजपेयी व्यावसायिक परिसर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय व्यावसायिक परिसर करने के वर्तमान परिषद के निर्णय पर विधायक श्रीमती लहरे को आपत्ति थी। इसके चलते यह चक्काजाम और धरना प्रदर्शन हुआ।