स्टाम्प ड्यूटी कम लगे इसलिए पहले हटाया डायवर्सन, फिर कराई रजिस्ट्री, साढ़े 3 करोड़ की जमीन की कीमत हो गई मात्र 24 लाख
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। राजस्व विभाग का काम भी गजब ही है। एक व्यापारी को निजी लाभ पहुंचाने के लिए अपनी ही सरकार की जेब काटने से भी इनको गुरेज नहीं है। जमीन जिस पर राइस मिल लगाई गई थी, उसमें से एक हिस्से का डायवर्सन निरस्त कराया गया। उसे वापस कृषि भूमि दिखाकर दूसरे को बेच दी गई। यह सब इसलिए किया गया ताकि स्टाम्प ड्यूटी कम देनी पड़े। करीब चार करोड़ की जमीन 24 लाख की हो गई।
यह दिलचस्प मामला पुसौर तहसील के सहदेवपाली का है। पटवारी हल्का नंबर 41 खसरा नंबर 29/1 रकबा 2.771 हे. में सरस्वती राइस मिल स्थापित की गई थी। इसके पूर्व 1993 में पूरी भूमि का व्यावसायिक डायवर्सन कराया गया था। स्वामी रामकुमार पिता नरसिंहदास बंसल ने 22-23 में आवेदन लगाया कि 2.771 हे. में से 1.901 में ही मिल लगी है। उन्होंने बाकी 0.870 हे. भूमि को पुन: व्यावसायिक से कृषि भूमि में डायवर्सन करने आवेदन लगाया। दरअसल उनकी मंशा जमीन को बेचने की थी इसलिए पहले डायवर्सन निरस्त करवाया। नियम विरुद्ध डायवर्सन को खारिज किया गया।
यही नहीं, पुसौर तहसील के सहदेवपाली आरआई और हल्का पटवारी की भूमिका संदेहास्पद है क्योंकि उनका प्रतिवेदन ही वैध नहीं है। व्यवसायी रामकुमार के आवेदन पर 0.870 हे. का डायवर्सन व्यावसायिक से कृषि कर दिया गया, जबकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। पटवारी लता साहू ने रिकॉर्ड दुरुस्त कर नया खसरा नंबर 29/4 रकबा 0.870 हे. सृजित किया गया। इसके बाद 10 दिनों के अंदर ही जमीन को प्रभाकर सिंघानिया पिता शंकर लाल सिंघानिया निवासी फ्रेंड्स कॉलोनी रायगढ़ को बेच दिया गया। 18 अगस्त 2023 को रजिस्ट्री हुई। इसमें सरकार को राजस्व हानि हुई है।
किसका नुकसान, किसका फायदा
इस अवैध प्रक्रिया से व्यापारी को लाखों का फायदा हुआ लेकिन सरकार की जेब कट गई। डायवर्टेड भूमि की गाइडलाइन दर सहदेवपाली में रोड से 20 मीटर दूर के हिसाब से 4340 रुपए प्रति वर्ग मीटर है। 0.870 हे. मतलब 8700 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का 3,77,58,000 रुपए होगा। इसकी ढाई गुना राशि पर 6.6 प्रश स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर 62.30 लाख रुपए होगी। अगर जमीन सहदेवपाली के अंदर मानी जाए तो दर 2590 रुपए प्रति वर्ग मीटर होगी। इस हिसाब से भूमि की वैल्यु 2,25,33,000 रुपए होती है। इसका ढाई गुना करके 6.6 प्रश स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर 37.18 लाख रुपए होगा। लेकिन रजिस्ट्री में कृषि भूमि के हिसाब से वैल्यु ही 27,66,400 रुपए प्रति हे. के हिसाब से आकलित की गई। इस वजह से जमीन की कीमत 24.07 लाख निकाली गई। हालांकि, विक्रय प्रतिफल 60 लाख रुपए दर्शाया गया है, जिसके आधार पर 3,96,100 रुपए स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर दिए गए। सोचिए कि जहां सरकारी खजाने को 37 लाख या 62 लाख मिलते, वहां मात्र चार लाख रुपए मिले।
अब बाकी जमीन बेचने की कवायद
अब इस कहानी का दूसरा भाग भी शुरू हो चुका है। शेष 1.901 हे. में राइस मिल, गोदाम आदि का निर्माण है। इसको बेचने की तैयारी है। लेकिन इसके वैल्युएशन में भी गड़बड़ी की गई है। डायवर्टेड भूमि पर परिसंपत्तियों की भी कीमत जोड़ी जाती है। उस पूरी राशि पर ही स्टाम्प ड्यूटी व अन्य कर लगाए जाते हैं। एनएच से करीब 100-150 मीटर में ही सरस्वती राइस मिल है।