Home राजनीतिक छग में युक्तियुक्तकरण नीति को निरस्त कर शिक्षा में सुधार को लेकर आम आदमी पार्टी हुई मुखर

छग में युक्तियुक्तकरण नीति को निरस्त कर शिक्षा में सुधार को लेकर आम आदमी पार्टी हुई मुखर

by SUNIL NAMDEO

मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगपत्र सौंपते हुए सड़क पर उतरकर आंदोलन की दी चेतावनी

रायगढ़ (सृजन न्यूज)। रायगढ़ में सियासी तापमान गर्म करने के लिए जनहित के मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी मुखर हो गई है। यही वजह है कि छग में युक्तियुक्तकरण नीति को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने एवं शिक्षा में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है। यही नहीं, अपनी 8 सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होने पर आप ने सड़क पर उतरकर आंदोलन का ऐलान भी किया है।

                               सीएम विष्णुदेव साय के नाम डिप्टी कलेक्टर रेखा चंद्राकर को प्रेषित ज्ञापन में आम आदमी पार्टी का कहना है कि आपकी सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में लागू की गईं युक्तियुक्तकरण नीति ने प्रदेश के लाखों विद्यर्थियों, शिक्षकों और उनके परिवारों के जीवन में गंभीर असमंजस और गहरी आशंका उत्पन्न कर दी है। इस नीति के कारण यह भय लगातार गहराता जा रहा है कि कहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों का अस्तित्व ही खतरे में न पड़ जाए और शिक्षा गरीबों के लिए केवल एक दूर का सपना बनकर न रह जाए। इस नीति से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षा के अधिकार को कमजोर कर रही है। सरकारी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए निजीकरण को बढ़़ावा देकर शिक्षा को अमीरों के लिए सुविधा जनक तथा गरीबों के लिए कठिन बना रही है। आम आदमी पार्टी को आशंका यह भी है कि यदि यह नीति यथावत जारी रही तो आने वाले वर्षों में सरकारी स्कूल केवल कागजों तक सीमित रह जाएंगे और शिक्षा का अधिकार केवल गिनी-चनी कंपनियों के लाभ का साधन बन जाएगा। इससे ग्रामीण, आदिवासी और गरीब वर्ग के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब जाएगा और सामाजिक विषमता और गहराती चली जाएगी।

                  आम जनता, शिक्षक समुदाय और सामाजिक संगठनों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए आम आदमी पार्टी ने 8 प्रमुख मांगें हैं। जैसाकि युक्तियक्तकरण नीति को तत्काल प्रभाव से स्थगित करते हुए इस पर पुनर्विचार के लिए शिक्षविदों, शिक्षक संगठनों व अभिभावकों से संवाद स्थापित किया जाए। स्कूलों के जबरन विलय और शिक्षकों के मनमाने स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए। वर्तमान स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता और न्याय सुनिशित की जाए। शिक्षकों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था में आवश्यकता के अनुसार मानव संसाधन की पूर्ति हो सके। ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में स्कूलों की संख्या और गुणवत्ता में वृद्धि की जाए, ताकि वहाँ के बच्चों को शिक्षा के लिए लंबी दूरी तय न करनी पड़़े और लड़कियों की शिक्षा व सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। शिक्षा के बजट में बढ़ोत्तरी कर अधोसंरचना विकास, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्वच्छ शौचालय
जैसी सुविधाएँ सुलभ कराई जाएं। शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए स्थानांतरण एवं पद समाप्ति से जुड़़े सभी निर्णयों को शिक्षक संगठनों के साथ सहमति के आधार पर ही लिया जाए। शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने वाली सभी नीतियों पर रोक लगाई जाए और शिक्षा को गरीब व मध्यम वर्ग के लिए सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण बनाए रखा जाए।

   आम आदमी पार्टी ने प्रशासन से आग्रह किया कि प्रदेश के बच्चों के भविष्य और सामाजिक न्याय की भावना को ध्यान में रखते हुए उनकी उपरोक्त मांगों पर अविलंब कार्यवाही करें। नीति रोकी नहीं गई तो जनता सड़क पर उतरकर अपना विरोध प्रदर्शन करेगी। ज्ञापन सौंपने वालों में आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल बापोड़िया, रुसेन कुमार, राजेन्द्र एक्का, अरुण अग्रवाल, आशीष शर्मा, भोजराम चौहान, सरिता टंडन, कौशल प्रताप सिंह, अमित दुबे मौजूद थे।

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