हमने एक मार्गदर्शक और एक ममतामयी हस्ती को खो दिया : हेमंत थवाईत
रायगढ़ (सृजन न्यूज)। पत्रकारिता जगत के वरिष्ठ सदस्य और प्रेस क्लब के कर्मठ पदाधिकारियों के परिवार पर हाल ही में आए दुख के बादल ने पूरे मीडिया बिरादरी को शोकाकुल कर दिया है। प्रेस क्लब, रायगढ़ ने हाल ही में अपने सम्मानित सदस्यों, पत्रकार स्वतंत्र महंत के पिताश्री जगदीश महंत और पत्रकार भोला शर्मा की माताश्री रामकली देवी के निधन पर एक विशेष शोक सभा आयोजित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। यह सभा दुख की इस घड़ी में दोनों पत्रकारों और उनके परिवारों के प्रति एकजुटता और गहरी संवेदना व्यक्त करने के लिए बुलाई गई थी।

प्रेस क्लब के कार्यालय में आयोजित इस शोक सभा में क्लब के अध्यक्ष हेमंत थवाईत, सचिव नवीन शर्मा सहित अनेक वरिष्ठ और युवा पत्रकारों ने हिस्सा लिया। सभा में मौजूद सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।
पत्रकार स्वतंत्र महंत के पिता जगदीश महंत का निधन पिछले सप्ताह लंबी बीमारी के बाद हुआ था। वे एक सामाजिक और धर्मनिष्ठ व्यक्ति थे, जिन्होंने हमेशा अपने पुत्र को निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया। शोक सभा में उनके जीवन के सिद्धांतों और सादगी को याद किया गया।
वहीं, पत्रकार भोला शर्मा की माताजी श्रीमती रामकली देवी के आकस्मिक निधन से भी पत्रकारिता जगत स्तब्ध है। उनके निधन को परिवार और क्लब दोनों के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया गया। वह एक ममतामयी माता थीं, जिनका आशीर्वाद हमेशा भोला शर्मा के साथ रहा।

वरिष्ठ सदस्यों ने किया गुणों का स्मरण

शोक सभा को संबोधित करते हुए प्रेस क्लब के अध्यक्ष हेमंत थवाईत ने कहा, दुख की इस घड़ी में हम सभी स्वतंत्र और भोला के साथ खड़े हैं। जगदीश महंत और श्रीमती रामकली देवी का जाना न केवल उनके परिवारों के लिए बल्कि पूरे प्रेस क्लब परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है। हमने एक मार्गदर्शक और एक ममतामयी हस्ती को खो दिया है। सचिव नवीन शर्मा ने कहा, पत्रकारिता का जीवन चुनौतियों से भरा होता है, और ऐसे में परिवार का संबल ही सबसे बड़ी ताकत होता है। इन दोनों महानुभावों ने हमेशा अपने बच्चों को समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे पत्रकारों के साथ रहेगा।”
क्लब के सदस्यों ने दोनों दिवंगत आत्माओं के व्यक्तित्व, उनके समर्पण और सामाजिक योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि उनके संस्कार ही आज उनके पुत्रों को उनके कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और निष्पक्षता बनाए रखने की प्रेरणा दे रहे हैं।