रायगढ़ (सृजन न्यूज)। सामाजिक कार्यकर्ता विमल चौधरी का कहना है कि पिछले 3 दशक से रायगढ़ में जिस प्रकार से उद्योग अपने पांव पसार रहे हैं, साथ ही अन्य व्यापार में जिस प्रकार की वृद्धि हो रही है तथा शासकीय क्षेत्र में भी अधिकारी और कर्मचारियों की जिस प्रकार वृद्धि हो रही है इसकी कोई सीमा नहीं है। घोषित रूप से देखा जाए तो 2025 के निगम चुनाव में लगभग 135000 मतदाता थे, किंतु वास्तविकता इन आंकड़ों से परे है।
रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र की आबादी लगभग 5 लाख से कम नहीं होनी चाहिए, कारण स्पष्ट है कि आज भी इस क्षेत्र में निवासरत अधिकांश लोग मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाना उचित नहीं समझ रहे हैं। जबकि नगर निगम अपनी सभी सेवाएं अपने मतदाताओं को वार्ड की संख्या के आधार पर देती है। मान लीजिए किसी वार्ड मैं मतदाताओं की संख्या की संख्या 2000 है तो निगम उन 2000 के हिसाब से सड़क, सफाई और पानी की व्यवस्था करती है, किंतु जमीनी स्तर पर उस वार्ड की आबादी लगभग 8000 की होती है। इसमें 6000 ऐसे लोग हैं जिन्होंने मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज ही नहीं कराया है। ऐसी स्थिति में 2000 लोगों के हक की सेवा अतिरिक्त और 6000 में बंट जाती है तो ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसी स्थिति में जो वास्तव में नगर निगम क्षेत्र के निवासी हैं उन्हें संतुष्टि कैसी मिलेगी, क्योंकि उनके हिस्से की सेवाएं तो घुसपैठ के रूप में रह रहे उन 6000 लोगों के द्वारा अघोषित रूप से लूट ली जाती है। कमोबेश यह स्थिति नगर निगम के लगभग सभी वार्डों की बनी हुई है। चुनाव के दौरान जब उनसे संपर्क किया जाता है तो उनका जवाब होता है कि हमारा तो यहां नाम नहीं है। हमारा नाम बिहार में है या हमारा नाम यूपी में है या हमारा नाम ओड़िशा में है, या हमारा नाम अन्य किसी प्रांत में है। यह समस्या कोई आम नहीं बल्कि एक विध्वंसक है कि लोग नौकरी या व्यापार करते हैं यहां, परिवार रखते हैं यहां, बच्चों को शिक्षित करते हैं यहां, मकान बनवाते हैं यहां किंतु मतदाता सूची में नाम जोड़वाना उचित नहीं समझते।
विमल चौधरी ने कलेक्टर से आग्रह किया कि जिन व्यक्तियों का नगर निगम के क्षेत्र में मतदाता सूची में नाम ना हो। जब ऐसे व्यक्ति कोई जमीन खरीदना चाहता हो तो उस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा देना चाहिए। जो पहले जमीन खरीद चुका है यदि वह भवन निर्माण करना चाहता हो तो भवन अनुज्ञा शुल्क कम से कम ऐसे लोगों से भवन अनुज्ञा शुल्क 5 गुना वसूल करना चाहिए। जिन लोगों ने भवन निर्माण कर लिया है उनके लिए सेवा शुल्क भी कम से कम 5 गुना कर देना चाहिए।साथ ही सारी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं और औद्योगिक घरानो को यह नोटिस देना चाहिए कि आप अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मचारियों का मतदाता सूची में नाम दर्ज होना सुनिश्चित करें और उसके प्रति अपने कार्यालय में जमा करवाए। यदि इस योजना को जिला अध्यक्ष लागू कर देते हैं तो निश्चित रूप से वार्डों की आधे से अधिक समस्या स्वतः ही समाप्त हो जाएगी।

