गुरु तेग बहादुर ने बलिदान दे दिया, औरंगजेब के सामने नहीं झुकाया सिर : भोगल
बिलासपुर (सृजन न्यूज़)। गुरु तेग बहादुर उच्चतर माध्यमिक शाला में शुक्रवार को सिखों के नवें गुरु ल, गुरु तेग बहादुर का शहीदी पर्व मनाया गया। इस अवसर पर गुरु की छायाचित्र पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्वलित किया। इसके पश्चात ज्ञानी जी ने पाठ कर अरदास की।
स्कूल शिक्षण समिति के अध्यक्ष अजीत सिंघ भोगल ने गुरु की शहादत और जीवन वृत से जुड़ी प्रेरक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुगल आक्रांताओं से लोहा लेने के लिये सिखों के नौंवे गुरु, गुरु तेग बहादुर ने 6 दिसबर 1675 को अपना बलिदान दिया था। दिल्ली के मुगल आक्रांता औरंगजेब ने इस्लाम धर्म कबूल न करने पर गुरु तेग बहादुर का शीश कटवा दिया था। उन्होंने बताया कि गुरु के नाम पर शैक्षणिक संस्था का संचालन सिख समाज कर रहा है।
श्री भोगल ने बताया कि गुरु का अध्यात्म और संस्कृति के प्रति समर्पण दुनिया के लिये एक अनुपम उदाहरण है। गुरु ने शहादत के माध्यम से समाज को संदेश दिया कि प्रतिकूल परिस्थितियों में व्यक्ति को पूरे धैर्य और साहस के साथ अनुकूल समय का इंतजार करना चाहिए। उनके अमूल्य विचार आज भी हम सभी के लिए प्रासंगिक एवं प्रेरणादायक है।
इस अवसर पर बच्चों एवं स्कूल स्टॉफ में प्रसाद बांटा गया एवं गुरु की याद में ड्राइंग, पेंसिलों का सेट वितरण किया गया। कार्यक्रम में त्रिलोचन सिंघ, चरण सिंघ, कमल सोहल गुरप्रीत सिंघ, मनदीप कौर, निशी गुप्ता सहित शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।