Home रायगढ़ न्यूज गाड़ी मालिकों की खरी-खरी : मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी लड़ाई

गाड़ी मालिकों की खरी-खरी : मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगी लड़ाई

by SUNIL NAMDEO

10 सूत्रीय मांगों को लेकर फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन 5 रोज से कर रहा एनटीपीसी लारा में बेमियादी हड़ताल

रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। जिले के पुसौर ब्लॉक स्थित एनटीपीसी लारा में इनदिनों सबकुछ ठीक नहीं है, बल्कि टकराव के हालात हैं। दरअसल, फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन 10 सूत्रीय मांगों को लेकर इनदिनों पंडाल के नीचे अनिश्चितकालीन हड़ताल का रुख अख्तियार कर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यह बात अलहदा है कि 5 रोज से काफी कोशिशों के बावजूद उनका रास्ता साफ नहीं हुआ, क्योंकि एनटीपीसी प्रबंधन और एजेंसियों की ओर से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे गाड़ी मालिकों के मन में सुलगी चिंगारी कभी भी भड़क सकती है।

    एक तरफ जहां रायगढ़ जिला ट्रेलर मालिक कल्याण संघ अपनी जायज मांगों को लेकर सड़क पर उतरते हुए इस बार आर-पार की लड़ाई छेड़ चुके हैं। वहीं, फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन भी पिछले 5 दिन से बेमियादी हड़ताल कर रहा है। गाड़ी मालिकों का कहना है कि उनकी रोज़ी-रोटी इस व्यवसाय पर निर्भर है, और एजेंसी के मनमानी और एनटीपीसी प्रबंधन की अनदेखी के कारण उन्हें अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है।

     हालांकि, फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने रायगढ़ विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए समाधान की गुहार लगाई। प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को 10 सूत्रीय मांगों का विवरण दिया और उनकी समस्याओं को जल्द हल कराने का आग्रह किया। ओपी चौधरी ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि इस विषय पर कलेक्टर और प्रबंधन से चर्चा कर जल्द समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने हड़ताल कर रहे गाड़ी मालिकों की मांगों को न्यायोचित बताया और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

           वहीं, फ्लाईएश वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू गुप्ता और कोषाध्यक्ष करन अग्रवाल का का साफ तौर पर कहना है कि जबतक उनकी मांगों को हरी झंडी नहीं मिलेगी, तबतक उनका बेमियादी आंदोलन जारी रहेगा।

जानिए गाड़ी मालिकों की क्या है मांगें
• ओवरलोडिंग को पूर्णतः बंद किया जाए।
• कार्य एजेंसियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए।
• 80 फीसदी गाड़ियां स्थानीय गाड़ी मालिकों को आवंटित हों।
• भाड़े का भुगतान एक माह के भीतर किया जाए।
• टेंडर प्रक्रिया से पहले कार्य एजेंसियों और यूनियन के बीच बैठक सुनिश्चित की जाए।
• यूनियन के सदस्य को कांटे (वजन मापक स्थल) पर बैठने की अनुमति दी जाए।
• लोडिंग स्थल तक वाहनों के आवागमन के लिए उचित मार्ग निर्माण किया जाए।
• भाड़े की दर 5.50 रुपये प्रति टन प्रति किलोमीटर तय हो।
• अनलोडिंग स्थल पर वाहनों को जल्द खाली कराने के लिए एजेंसियों को निर्देशित किया जाए।
• कंपनी प्रबंधन कार्य स्थल पर बैठक कर शांतिपूर्वक कार्य सुनिश्चित करे।

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