Home रायगढ़ न्यूज धर्म के क्षेत्र में आगे आएं युवा, बेहतर होगा भविष्य- चंदन कृष्ण

धर्म के क्षेत्र में आगे आएं युवा, बेहतर होगा भविष्य- चंदन कृष्ण

by SUNIL NAMDEO EDITOR

रायगढ़। कला व संस्कृति की नगरी रायगढ़ दक्षिण चक्रधर नगर मछ्ली विभाग ऑफिस के पास द्विवेदी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम में पधारें कथा व्यास पंडित चंदन कृष्ण महाराज (शिक्षा श्रीधाम वृंदावन) का कहना है कि पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ रहे धार्मिक आयोजनों और धर्म के क्षेत्र में युवाओं का बढ़ता रुझान आने वाले भविष्य के लिए बेहतर संकेत है।इससे आने वाले युवा पीढ़ी के अच्छे भविष्य से इनकार नही किया जा सकता है। इसके साथ ही यह हमारे व भारतीय संस्कृति के लिए बहुत अच्छी बात है और गर्व का विषय है।  

                               

                                 रामनवमी पर आयोजित इस कार्यक्रम में व्यास पीठ पर विराजमान महाराज चंदन कृष्ण ने कथा के माध्यम से बतलाया कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी ने जिस प्रकार रावण को मार धर्म की स्थापना की तथा हिंदुत्व एवं धर्म के विषय में आज के युवाओं को धर्म के मार्ग पर चलने के संदेश दिया। रायगढ़ जिले के खरसिया क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम घघरा वाले पंडित चंदन कृष्ण महाराज ने कहा कि ठीक इसी तरह भगवान श्री कृष्ण ने भी कंस का वध किया और जब जब इस धरती में पाप बढ़ा है भगवान ने अनेकों अवतार लेकर दुस्टों का विनाश कर धर्म की स्थापना की।

    

                              उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने हिंदू धर्म संस्कृति के प्रति युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में जोड़कर उसे बढ़ावा देने की आवश्यकता है। व्यास पीठ पर विराजमान महाराज ने भागवत कथा के महत्व तथा भगवान श्री कृष्ण के जन्म से जुड़े प्रसंग तथा बाललीला, माखन चोरी सहित अन्य कथा प्रसंग सुनाई जिससें वहाँ उपस्थित श्रोता भक्त भाव-विभोर हो गए।


भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव की रही धूम
तीसरे दिन की कथा प्रसंग में जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ तो उपस्थित श्रोता भक्तों ने बड़े धूमधाम से जन्मोत्सव मनाते हुए एक-दूसरे से मिलकर जन्मदिन की बधाई दी।इस दौरान निकली गई भगवान श्री कृष्ण की झांकी ने सबका मन मोह लिया।इस मौके पर कथा व्यास महाराज के साथ आये कलाकार गायक ओमकार, सक्षम उपाध्यक्ष (ढोलक) व लक्की मिश्रा (पैड) सहित अन्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सुमधुर भजनों से श्रोतागण झूमने को मजबूर हो गए। यहाँ का माहौल इसी मथुरा वृंदावन से मानों कम नही लग रहा था।

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