कोसीर (सृजन न्यूज)। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के कोसीर मुख्यालय थाना परिसर में 1 जुलाई 2024 से लागू हो रही भारतीय न्याय संहिता को लेकर कार्यशाला का आयोजन हुआ। कोसीर थाना प्रभारी सहायक उप निरीक्षक कुलदीप तिवारी ने कार्यशाला को संबोधन करते हुए नए कानून के विषय में विस्तार से जानकारी ढि। यही नहीं, कार्यशाला में आसपास गांव के सरपंच, शिक्षक, युवा वर्ग पत्रकारगण की उपस्थिति में नये कानून को लेकर कार्यशाला में प्रश्न-उत्तर और चर्चा हुई।
कोसीर थाना प्रभारी कुलदीप तिवारी ने कहा कि देश भर में 1 जुलाई 2024 से 3 नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं। तीन नये आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 को भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023, सीआरपीसी 1898 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होगा। पहले भारतीय दंड संहिता के नाम से जाना जाता था। अब यह दंड संहिता ना होकर भारतीय न्याय संहिता के नाम से जाना जाएगा, जिसे पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए संशोधन किया गया है।
आज 1 जुलाई से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है। नवीन कानून की आवश्यकता एवं अपरिहार्यता के संबंध में बात रखे। उन्होंने नवीन आपराधिक कानून में जोड़े गए नई धाराओं पुराने कानून से हटाई गई धाराओं एवं आवश्यक परिवर्तनों की विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नए कानून हमारे देश की विधि प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। नया कानून पूरी तरह से पारदर्शी है। कोई भी घटना कारित होती है तो उक्त स्थान को तत्काल सील कर दिया जाए। साथ ही साथ उसकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी किया जाएगा जिससे घटना की सम्यक जानकारी सुस्पष्ट और सत्यता से परिपूरित हो सके। नए कानून के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। डिजिटल युग में साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और तकनीकी धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के अपराध सामने आ रहे हैं। इसके रोकथाम के लिए तीन नए कानून बनाए गए हैं। महिला, बुजुर्ग, बालक के लिए नया कानून महत्वपूर्ण है। नई महिला सुरक्षा कानून पर बारीकी से जानकारी दी गई।
नए न्याय व्यवस्था के तहत अब चिकित्सा क्षेत्र में भी पारदर्शी देखने को मिलेगी। डॉक्टर के द्वारा किए जाने वाले जांच बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में डिजिटल साक्ष्य को भी मान्यता दी गई है। समय की जरूरत के अनुसार आज भारतीय दंड संहिता में संशोधन करते हुए नवीन न्याय संहिता लागू की जा रही है, जिसमें साक्ष्य महिला सुरक्षा को लेकर के जरूरी बदलाव किए गए हैं। इसके लागू होने से नागरिकों को बेहतर न्याय मिलेगा। नवीन न्याय संहिता के लागू होने से न्याय व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को लागू होने वाला है।
कार्यशाला में सहायक उप निरीक्षक लक्ष्मण पुरी गोस्वामी, सहायक उप निरीक्षक बृज मोहन कश्यप, महिला प्रधान आरक्षक अंजना की उपस्थिति रही भी आसपास गांव के सरपंच रामेश्वर भारद्वाज, रामसुख जांगड़े, श्रीमती पूजा लहरे, शिक्षका श्रीमती भावना जांगड़े, चंद्रभाग बंजारे, किशोर चंद्रा, सरपंच प्रतिनिधि साध राम साहू, भैरव नाथ जाटवर, फूल कुमार विश्वकर्मा, कोमल वर्मा, पत्रकार बंधु वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण लहरे ,श्याम कुमार पटेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।