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केलो नदी के अस्तित्व को बचाने हुआ जल सत्याग्रह

by SUNIL NAMDEO EDITOR


रायगढ़ (सृजन न्यूज)। जन-जन के विश्वास और आराधना की देवी केलो मैया के अस्तित्व बचाने के प्रयासों की शुरुआत हो गई है। रायगढ़ जिले के निवासी इसी मानसिकता में है कि वे केलो नदी को संरक्षित,सुरक्षित और स्वच्छ देखना चाहते हैं। इसके लिए वह प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ रहे है। क्योंकि ‘केलो है तो कल है’ को चरितार्थ कर सके।
रायगढ़ बचाओ-लड़ेंगे रायगढ़ के आव्हान पर आयोजित इस कार्यक्रम में स्वस्फूर्त आमजन जुड़ा। सुबह 7 से ही पुराने स्टाप डैम के पास बच्चों, पुरुषों और महिलाओं का हजूम में एकत्रित होकर केलो है तो कल है के नारे लगाए। साथ में पोस्टरो में लिखा था कि केलो बचाओ और मत बेचो केलो का जल तरसेंगे आज नहीं तो कल। यह नजारा केलो जल सत्याग्रह का था। उपस्थित लोगों ने रायगढ़ के पूर्व सांसद और वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम का ज्ञापन कलेक्टर रायगढ़ के माध्यम से सौंपा।

       प्रेषित आवेदन में कहा गया कि केलो नदी के उद्गम स्थल से समागम स्थल तक अनेक कोयला खदान का अपशिष्ट उसके बाद उद्योगों का अपशिष्ट नालों के माध्यम से केलो नदी में आता है। फिर इस नदी में फ्लाई ऐश का फेंकना जिसे रायगढ़ जिले का सिंचाई विभाग,वकेलो सर्वेक्षण विभाग, पर्यावरण विभाग अनदेखा कर रहा है। वहीं जल विभाग नगर निगम रायगढ़ द्वारा इन सभी पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर को पत्र नहीं प्रेषित करना गंभीर पहलू है क्योंकि 17, 18, 19 मार्च 2024 को पंचधारी स्थित इंटेकवेल जिससे रायगढ़ शहर के निवासियों को पानी प्रदाय होता है, को बंद कर कर दो दिन कर्मचारियों ने सफाई की। इसके बाद पेयजल व्यवस्था बहाल हुई। नगर निगम के अनेक कचरा खाने केलो नदी के इर्द-गिर्द है, जिसका अपशिष्ट केलो नदी में प्रवाहित होता है तो इन कचरा खाने को तत्काल नदी से दूर तथा शहर से बाहर स्थापित किया जाए। उपरोक्त कोयला खदानें का गंदा पानी, औद्योगिक अपशिष्ट और फ्लाई ऐश के कारण से जो नुकसान केलो मैया और नागरिकों को हुआ है उसकी जांच के लिए तत्काल जांच समिति बनाई जाए।

                   यद्यपि उद्योगों के द्वारा रायगढ़ जिले में बेदर्दी से भूजल को दोहन किया जा रहा है जिससे जल स्तर वृहद स्तर पर गिर रहा है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच करवायें जो जनहित में लागू हो। इस पर यह भी उल्लेखित हो कि अब केलो नदी का जल उद्योगों को नहीं बेचा जाएगा। केलो नदी सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ होकर प्रयासों के लिए नई कार्य योजना बनाई जाए। रायगढ़ शहर के लगभग 2000 घरों के 2 हजार लोगों के हस्ताक्षर ज्ञापन केलो जल सत्याग्रह स्थल पर जिला प्रशासन को सुपुर्द किया गया। इसकी प्रतिलिपि राज्यपाल, मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय बिलासपुर, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली, कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को दिया गया है।

        बड़ा बड़ा सुखद यह रहा कि जिले के जागरूक जनता और केलो मैया के हितचिंतकों ने पूरी केलो नदी के अनेक तटों पर जल सत्याग्रह का समर्थन किया। इसमें पहाड़ लुड़ेग – लैलूंगा में स्थित उद्गम स्थल से तमनार स्थित केलो तट पर लक्ष्मीनारायण चौधरी के नेतृत्व तथा रेगड़ा, बरलिया दनौट में अवध डनसेना और रवि यादव के नेतृत्व, झलमला में उत्तम पटेल के नेतृत्व के साथ समागम स्थल कांदागढ़ में केलो सपूत शिव राजपूत ने अपने साथियों के साथ केलो जल सत्याग्रह का समर्थन किया। अब यह देखना है कि अपने जिले के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय केलो नदी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए क्या कार्ययोजना बनाते और जनता के हितों के लिए क्या निर्णय लेते हैं।।केलो जल सत्याग्रह स्थल पर सत्याग्रहियों के द्वारा पौधरोपण का कार्यक्रम में लगभग 12 बजे एसडीएम प्रवीण शर्मा अपने प्रशासनिक साथी और पुलिस विभाग के साथ भाग लिया। तदोपरांत ज्ञापन लेकर केलो नदी पर कार्य योजना बनाए जाने के लिए प्रशासन हर संभव कार्य करेगा, का आश्वासन दिया। उसके बाद सुबह 7 बजे से चलने वाला केलो जल सत्याग्रह अभियान 1 बजे दोपहर के करीब स्थगित किया गया।

       केलो जल सत्याग्रह अभियान में विनय शुक्ला ,प्रताप खोडियार, शेख कलीममुल्ला, राजेश त्रिपाठी, केलो भजन गायक देवेश शर्मा, अनिल चीकू, संतोष यादव (गुड्डा), प्रदीप मिश्रा गुड्डू, मनोज पटनायक, अनुज पटनायक, प्रकाश नंदे, अक्षत खेडुलकर, सुयश ठेठवार, अभिषेक चौहान, अभिषेक सोनी, सुरेन्द्र पटेल, लक्ष्मीकांत दुबे, नीलकंठ साहू, संजय देवांगन पार्षद, मनोज सागर, राधेश्याम शर्मा, जे. पी.जायसवाल, नगेंद्र नेगी, लाडले खान, शाकिब, रवि यादव, आमिर खान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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