

सारंगढ़ (सृजन न्यूज़)। जिला मुख्यालय के सुदूर अंचल कनकबीरा के सुरम्य सुंदर जंगल में जनजाति बिंझवार समाज की कुलदेवी विंध्यवासिनी विराजमान हैं। बिंझवार समाज को एकता के सूत्र में बांध कर रखी हैं यह कुलदेवी।
बिंझवार समाज के अग्रज रामलाल बरिहा के अथक प्रयास और मेहनत से विंध्यवासिनी देवी मंदिर का निर्माण हुआ। आज समाज के हजारों लोग इस स्थान पर उपस्थित होकर समाज की एकता का परिचय दे रहे हैं। मंदिर निर्माण के बाद से यहां चैत और कुंवार नवरात्रि पर आस्था के दीप प्रज्वलित होते हैं। क्वांर नवरात्रि के पहले दिन मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें बिंझवार समाज के लोग अपना तीर-धुनुष लेकर कलश यात्रा के आगे आगे चलते रहे और कर्मा नाचा का रंग दिखा। पूरे गांव में कलश यात्रा की लंबी लाईन थी। आसपास गांव के लोग शामिल हुए।
कलश यात्रा के वापस आने के बाद विंध्यवासिनी देवी की पूजा-अर्चना हुई। यहां पूरे 9 दिन तक भक्ति भाव से आराधना होती है। शाम को सैकड़ों लोग यहां भोजन कर अपने लौट जाते हैं। यह मंदिर बिंझवार समाज की आस्था का केंद्र हैं, जहां समाज के लोग नवरात्रि पर्व को उत्साह के साथ मनाते हुए भजन-कीर्तन कर आनंद का अनुभव कर रहे हैं। सारंगढ़ से यह महज 15 किलोमीटर दूर सुरम्य स्थल में मंदिर के दर्शन कर अपने को धन्य मानते हैं। वही समाज के लिए यह मंदिर उनकी एकता को बनाए रखा है।

