रायगढ़। घरघोड़ा ब्लॉक में संचालित टीआरएन कंपनी और महावीर कोल बेनिफिकेशन के खिलाफ ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। ग्राम भेंगारी, कटंगडीह, नावापारा, चारमार और खोखरोआमा में आदिवासियों की जमीनों को औद्योगिक घरानों द्वारा फर्जी रजिस्ट्री तथा बेनामी अंतरण से संरक्षण करने वाली कानूनों बक धरातल में निष्क्रियता के कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान भी किया है।
कलेक्टर कर्तिकेया गोयल के नाम हस्ताक्षरित आवेदन लेकर लगभग 40 किलोमीटर दूर से जिला मुख्यालय पहुंचे ग्रामीणों का आरोप है कि टीआरएन एनर्जी प्रायवेट लिमिटेड और मेसर्स महावीर कोल बेनिफिकेशन द्वारा आदिवासी समुदाय की पैतृक भूमि को फर्जी रजिस्ट्री एवं बेनामी अंतरण के जरिए हड़प रहे हैं। इन दोनों कंपनियों के खिलाफ पीड़ित आदिवासी परिवार अपनी खानदानी जमीन को वापस पाने की लड़ाई भी लड़ रहे हैं। यह नहीं, पिछले 7 बरस से यह मामला एसडीएम न्यायालय में लंबित भी है।
फरियादियों का यह भी आरोप है कि इन कंपनियों ने अपने पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट में क्षेत्र के वास्तविक और धरातलीय तथ्यों को हेराफेरी करते हुए पर्यावरण मन्त्रालय के समक्ष गलत जानकारी दी गई है। यही वजह है कि टीआरएन कंपनी और महावीर कोल बेनिफिकेशन की ज्यादतियों से त्रस्त लोगों ने प्रशासन से न्याय नहीं मिलने पर लोकसभा चुनाव के बायकाट करने का सामूहिक फैसला लिया है।
ज्ञापन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचने वालों में छोटे गुमड़ा पंचायत के सरपंच हरिचरण राठिया, महेश राठिया, जेठूराम माझी, फुलेश्वर राठिया, मनोज गुप्ता, पवित्री माझी, श्रीकुमार माझी, कमलेश गुप्ता, संतराम माझी, सुकवारो माझी, वीणा माझी, चमेली माझी, धुरमति राठिया, घसनिन राठिया, करावती राठिया, गणपति माझी आदि शामिल थे।