Home रायगढ़ न्यूज पीएम आवास के लिए चक्कर काट रहे हैं ग्रामीण

पीएम आवास के लिए चक्कर काट रहे हैं ग्रामीण

by SUNIL NAMDEO EDITOR

योजना का लाभ लेने के लिए पात्र व्यक्ति आज भी सरकारी दफ्तरों की छान रहे खाक

सरिया (सृजन न्यूज़)। सरकार ने इसी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की थी कि 2022 तक प्रत्येक गरीब व पात्र व्यक्ति के रहने के लिए पक्का आशियाना हो। वहीं गरीब भी यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगी। लेकिन, सच तो यह है कि आज भी गरीब व पात्र व्यक्ति योजना का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। वहीं अमीर, प्रभावशाली लोगों की बल्ले-बल्ले है।

         आलीशान व बड़े-बड़े मकान, चार पहिया वाहन, गाड़ियां, सरकारी कर्मचारी हैं, तो कोई राजनीति में प्रभावशाली लोग एवं जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। सभी प्रकार की सुविधा इन लोगों के पास होने के बावजूद भी यह बेचारे प्रधानमंत्री आवास का लाभ लेने के लिए गरीब बन गए हैं, मगर गरीब व पात्र व्यक्ति तो अभी भी उक्त योजना में नाम जुड़वाने व लाभ पाने के लिए धक्के ही खा रहे हैं। नगर पंचायत सरिया में अधिकारियों की मिलीभगत से पात्र व गरीब आवास से वंचित है तो अमीर और धन्नासेठ व रसूखदार जमकर मजे लूट रहे हैं। ऐसे कई हैं जिनके पास जमीन, चारपहिया वाहन के अलावा नौकरी पेशावाले कई लोग गरीबों का चोला ओढ़ कर गरीबों के हक की पक्की छत छीन रहे हैं।

         यही नहीं, एक ही मकान में रहने के बावजूद पिता सहित बेटों ने अलग-अलग राशन कार्ड बनाकर एक ही परिवार में पिता, पुत्र सहित तीन-तीन, चार-चार लोगों ने योजना का लाभ लिए है। इसके कारण आज गरीब व पात्र हितग्राही आवास के लिए दर-दर भटक रहे हैं। यहां के कई लोग छप्पर के नीचे या फिर पन्नी डालकर रहने मजबूर हैं और किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि इसके लिए कई बार नगर पंचायत सरिया में आवेदन देकर आवास की मांग की गई। लेकिन, अभी तक आवास नहीं मिला।

         वार्ड क्रमांक 8 के दिव्यांग युवक सम्राट पाव ने बताया कि अभी तक आवास नहीं मिला है। इसके लिए कई बार नगर पंचायत सरिया का चक्कर काट चुका हूं। एक आवास के लिए कई बार गुहार लगा चुका हूं। मजबूरी में छप्पर के नीचे रहना पड़ रहा है। जब बारिश होती है, तो बहुत परेशानी होती है। बारिश का पानी घर में चला जाता है। झोपड़ीनुमा घर में पानी टपकता है। जिससे जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है। वहीं वार्ड क्रमांक 13 के निवासी अनिता सिदार का कहना है कि दो छोटे बच्चों के साथ झोपड़ीनुमा घर में रहने मजबूर हैं। कई बार नगर पंचायत सरिया में आवेदन देने के बाद भी हमें आवास नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि उनके पति मजदूरी का काम करते हैं। मजदूरी से इतना पैसा नहीं जुटा पाए कि एक पक्का मकान बनवा सके। इसी झोपड़ी में दो बच्चों व पति के साथ गुजर बसर करने मजबूर है। छप्पर से पानी टपकता है तथा जहरीले जीव से हमेशा डर बना रहता है।

        इसी तरह वार्ड क्रमांक 8 के ही पूर्व पार्षद एक्काराम यादव भी विगत चार साल से पीएम आवास के लिए आवेदन दे रहे हैं और इन्हें अब तक पीएम आवास नहीं मिला है। इस संबंध में मोहन पटेल (पूर्व जनपद उपाध्यक्ष) ने नगर पंचायत प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रसूखदार, अमीर तथा जिनके पास पक्के मकान हैं, उन्हें पीएम आवास का लाभ पहुंचाया गया है। उन्होंने संबंधित उच्च अधिकारियों से मांग की है कि सरिया में पीएम आवास पात्र अपात्र की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए, साथ ही वर्तमान में पात्र हितग्राहियों को यथाशीघ्र पीएम आवास की लाभ दिया जाए।

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