रायगढ़। समाजसेवी डॉ. राजू अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा है कि सूरत से लोकसभा इलेक्शन में एक कैंडिडेट को निर्विरोध घोषित किया गया है। निर्विरोध कैसे निर्वाचित हुआ इस बहस में मैं नहीं जाना चाहता, पर विषय विचारणीय है कि इलेक्शन में निर्विरोध निर्वाचन तभी होता है जब इसके सामने कोई अन्य प्रत्याशी न हों।
डॉ. राजू अग्रवाल का कहना है कि संसदीय इलेक्शन में हर लोकसभा क्षेत्र में नोटा भी एक प्रत्याशी होता है जिसे प्रत्याशी होने का संवैधानिक अधिकार है। फिर जब सूरत में नोटा प्रत्याशी था तो कैंडिडेट का निर्वाचन संवैधानिक कैसे है। यह निर्णय सूरत के वोटर के मौलिक अधिकार का हनन तथा डेमोक्रेसी पर कुठाराघात है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि सूरत के वोटर घोषित निर्विरोध प्रत्याशी को पसंद न करता हो तो उसे वह कैसे व्यक्त करे। इस विषय पर देश में सुप्रीम कोर्ट में चर्चा अवश्य होनी चाहिए।