घरघोड़ा/रायगढ़ (सृजन न्यूज)। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने निर्णय लिया है कि मोदी की गारंटी के तहत घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे उसे पूर्ण कराने के लिए 6 अगस्त को रायपुर में इंद्रावती भवन संचालनालय से मंत्रालय तक मशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में प्रांतीय पदाधिकारी ने निर्णय लिया है कि अपनी मांगों के लिए चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से 4% महंगाई भत्ता दिया जाए, साथ ही कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्ता के एरियस राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए। प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समय मान वेतनमान दिया जाए। केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए। मध्यप्रदेश सरकार के भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदी करण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन की जाए।
इन मांगों का ज्ञापन 29 जुलाई को फेडरेशन द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव के नाम सौंपा गया है। प्रांतीय निर्णय अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी, छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आंदोलन में भाग लेगा। प्रथम चरण में राजधानी रायपुर में मशाल रैली, द्वितीय चरण में 20 अगस्त से 30 अगस्त तक विधायकों एवं सांसदों को ज्ञापन, तृतीय चरण में 11 सितंबर को जिला ब्लॉक तहसील मुख्यालय में रैली का आयोजन और अंतिम चरण में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद कलम बन्द हड़ताल जिलों में सामूहिक धरना एवं प्रदर्शन शामिल है।
फेडरेशन के आंदोलन को सफल करने कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के रायगढ़ जिला अध्यक्ष आशीष रंगारी के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने अपने पदाधिकारी को जिम्मेदारियां सौंपी है। प्रांत अध्यक्ष जीआर चंद्रा रायगढ़ जिला हेतु उप प्रांताध्यक्ष और जिला शाखा अध्यक्ष संतोष पांडेय, प्रांतीय सचिव जेम्स वर्गीस, आशीष शर्मा, नरेंद्र पर्वत, कार्यकारी जिला शाखा अध्यक्ष संजीव सेठी, सचिव जाटवर, विनोद षड़ंगी, जिला पदाधिकारी, विकासखंड अध्यक्ष के साथ पदाधिकारी एकजुट हैं।