घरघोड़ा/रायगढ़ (सृजन न्यूज)। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिला शाखा रायगढ़ के द्वारा आंदोलन के द्वितीय चरण में प्रदेश के जनप्रतिनिधियों का ज्ञापन सौंपा जाना है। प्रथम चरण में 10 जुलाई को प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया।इसी क्रम में 12 अगस्त की शाम रायगढ़ के सांसद राधेश्याम राठिया को जिला शाखा के प्रतिनिधि मंडल ने 10 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।
सांसद को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र के कर्मचारी एवं पेंशनरों के समान छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को 50 फीसदी महंगाई भत्ता केंद्र द्वारा जारी तिथि से दी जाए। केंद्रीय कर्मचारी एवं अविभाजित मध्यप्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को 240 दिन के स्थान पर 300 दिन का अवकाश नागदीकरण का आदेश प्रसारित किया जाए। पिंगुआ समिति का गठन शिक्षक लिपिक स्वास्थ्य एवं अन्य संवर्गों के वेतन विसंगति दूर करने हेतु किया गया था, की अनुशंसा प्राप्त कर इन संवर्गों के वेतन विसंगति सुधार हेतु कार्रवाई की जाए।
इसी तरह तृतीय श्रेणी के पद पर अनुकंपा नीति हेतु निर्धारित 25 प्रतिशत की सीमा को शिथिल करते हुए लिपिक के अनुकंपा नियुक्ति में दिए गए शर्तों के पालन हेतु दक्षता परीक्षा 6 माह में आयोजित किए जाने संबंधी आदेश प्रसारित की जाए। अनियमित, दैनिक वेतन भोगी तथा कार्यभारित कर्मचारियों के नियमितीकरण संबंधी गठित समिति का प्रतिवेदन प्राप्त कर तत्काल कार्रवाई की जाए। प्रदेश के सभी संवर्गों के कर्मचारियों का लंबित पदोन्नति प्रक्रिया जारी की जाए। प्रदेश के सभी कर्मचारी और अधिकारियों को सेवाकाल के 4 स्तरीय वेतनमान संबंधी आदेश जारी किया जावे।
सांसद को ज्ञापन देते समय प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं जिला शाखा अध्यक्ष संतोष कुमार पांडेय, प्रांतीय सचिव आशीष शर्मा, विकासखंड अध्यक्ष अश्वनी दर्शन, जिला पदाधिकारी फागुलाल रात्रे, गौकर्ण दास वैष्णव, अजय कुमार, मनीष नंदे, जोगिंदर सिदार, प्रशांत बेहरा, अल्फोंस मिंज, सुरेंद्र होता, बीपी सिदार, विनोद मेहर, सर्वेश मरावी, मोहन चौहान, सुशील पटेल, खेमसागर पैंकरा, सूरज पैंकरा व प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे। पूरे प्रदेश में प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जनप्रतिनिधियों को मांग पत्र सौंप रहा है। कर्मचारियों के संघर्ष के लिए इस संगठन का बहुत पुराना एवं लंबा इतिहास है।