रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। शहर के कार्मेल स्कूल के सामने स्थित रायगढ़ आर्थो एण्ड जनरल हॉस्पिटल में 20 अक्टूबर को शुगर और कोलेस्ट्रोल की निःशुल्क जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि वर्तमान समय में आधुनिक खान-पान से शुगर, रक्तचाप जैसी कई बीमारियाँ बढ़ रही हैं। इसमें मधुमेह की शिकायतें ज्यादा देखने को मिल रही है। समय पर जाँच नहीं करवाने से लोग शुगर की चपेट में आ जाते हैं और उन्हें पता ही नहीं चलता। ऐसे में वक्त रहते जाँच करवा लेने से समय पर उपचार किया जा सकता है। इन्हीं सब बातों को लेकर अंचल के जाने-माने डॉ. राजू अग्रवाल के रायगढ़ आर्थो एंड जनरल हॉस्पिटल में आम नागरिकों की सुविधा के लिए 20 अक्टूबर को कोलेस्ट्रोल और शुगर की निःशुल्क जाँच की जाएगी।
डॉ. मल्लिका अग्रवाल ने मधुमेह बीमारी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि हम जो भी खाना खाते हैं वह अंदर जाकर टूटता है और उसमे मौजूद ग्लूकोज यानी शुगर निकलना शुरू होता है। दूसरी तरफ पैनक्रियाज एक तरह का हार्मोन इन्सुलिन छोड़ता है। इन्सुलिन के कारण ग्लूकोज ब्लड के माध्यम से पूरे शरीर में जाता है और ऊर्जा का संचार होता है। यह बिना इन्सुलिन के नहीं हो सकता है। वहीं जब पैनक्रियाज से उचित मात्रा में एक्टिव इन्सुलिन न निकले तो ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ने लगता है। फिर इसी स्थिति को मधुमेह, डायबिटीज या शुगर कहा जाता है। आज के समय में मधुमेह होना कोई बड़ी बात नहीं है। मधुमेह या डायबिटीज एक ऐसी बीमारी या स्थिति है, जो किसी व्यक्ति को एक बार हो जाए तो जीवनभर बनी रहती है। पहले यह बीमारी सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को ही होती थी लेकिन अब युवा और बच्चे दोनों इसकी चपेट में आ रहे हैं। यह एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें शरीर के ब्लड में मौजूदा ग्लूकोज या शुगर का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। यदि शरीर में पर्याप्त इन्सुलिन मौजूद नहीं होता है तो ब्लड कोशिकाओं तक ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता है और यह ब्लड में ही इकट्ठा हो जाता है। ब्लड में मौजूद अतिरिक्त शुगर आपके लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है।
डॉ. मल्लिका ने यह भी बताया कि कोलेस्ट्रोल की जाँच से दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी हृदय रोगों का पता चलता है। रक्त में वसा का स्तर कितना है यदि कोलेस्ट्रोल ज्यादा है तो कम करने के लिए कदम उठाये जा सकते हैं, इससे भविष्य में हृदय सम्बन्धी समस्याओं का खतरा कम हो सकता है।
कोलेस्ट्रोल की जाँच में कितनी बार जाँच करानी है यह उम्र और हृदय रोग के जोखिम के कारकों पर निर्भर करता है। पुरुषों को 35 और महिलाओं को 45 साल की आयु तक अपना पहला कोलेस्ट्रोल टेस्ट करा ही लेना चाहिए। जिनके परिवार में कोलेस्ट्रोल का इतिहास है उन्हें ज्यादा बार जाँच करानी चाहिए, अगर कोलेस्ट्रोल 300 या ज्यादा है तो यह हॉर्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
यही नहीं, डॉ. मल्लिका अग्रवाल ने अपील की है कि रायगढ़ आर्थो एंड जनरल हॉस्पिटल की ओर से किये जा रहे डायबिटीज और कोलेस्ट्रोल की निःशुल्क जाँच में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आकर इसका लाभ उठायें और भविष्य में होने वाले गंभीर बीमारियों के खतरे से बचकर स्वस्थ रहें।