Home रायगढ़ न्यूज साहित्य से गांव-गांव तक पहुंचता है सामाजिक विकास का संदेश : राधेश्याम राठिया

साहित्य से गांव-गांव तक पहुंचता है सामाजिक विकास का संदेश : राधेश्याम राठिया

by SUNIL NAMDEO EDITOR

सुधा के दो और गीता के तीन पुस्तकों का हुआ विमोचन

रायगढ़ (सृजन न्यूज़)। नगर के मध्य स्थित एक सुप्रतिष्ठित होटल के सभागार में विगत दिवस पुस्तक विमोचन और लोकार्पण का कार्यक्रम एक भव्य एवं गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ख्यातिप्राप्त वरिष्ठतम वयोवृद्ध विद्वान कवि प्रोफेसर केके तिवारी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में खरसिया से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार मनमोहन सिंह ठाकुर, रायगढ़ के शिक्षाविद अम्बिका वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार कमल बोहिदार मंचासीन रहे।

  समारोह का शुभारंभ माँ वीणापाणि के पूजन व दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। माँ सरस्वती वंदना को डॉ . गीता उपाध्याय ‘मंजरी’ ने अपनी सुमधुर कंठ से गाकर समर्पित किया स्वागत गीत श्रीमती लीसा पटेल ने प्रस्तुत किया। दोनों ही कवियित्रियों के जीवन परिचय एवं उनकी उपलब्धियों पर संचालिका ने प्रकाश डाला गया। सांसद के हाथों रायगढ़ नगर की वरिष्ठ कवियित्री डॉ. गीता उपाध्याय ‘मंजरी’ के ‘श्रीमद्भगवद्गीता संपूर्ण के स्वरचित दोहानुवाद’ का साहित्यिक लोकार्पण और ग़ज़ल पुस्तक ‘ज़िन्दगी’ एवं ‘छंद गीतांजलि’ इन दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। घरघोड़ा की डॉ. सुधा पण्डा’प्रज्ञा’ द्वारा स्वरचित ‘छंद सुधारस’ का लोकार्पण एवं ‘नव छंद रस’ का विमोचन किया गया। इस प्रकार इन दोनों कवियित्रियों के द्वारा स्वरचित कुल 5 पुस्तकों का विमोचन व लोकार्पण हुआ।

      सांसद राधेश्याम राठिया ने कहा कि दोनों दीदियों द्वारा की गयी इस साहित्यिक मेहनत का संदेश गांव-गांव तक पहुंचे और जन-जन इस ज्ञान से लाभान्वित हो। इस अवसर पर यहाँ के ख्यातिप्राप्त विद्वान कवि कवियित्रियों के साथ ही कला तथा संगीत गुरु की भी गरिमामय उपस्थिति रही। पांचों पुस्तकों के विमोचन और लोकार्पण के पूर्व काव्य पाठ में उपस्थित कवि, कवियत्रियों ने अपनी रचनाओं का पाठन कर वातावरण को साहित्यिक रंग और सुगंध से सुवासित किए। कार्यक्रम का संचालन छंदज्ञ श्रीमती धनेश्वरी देवांगन’धरा’ ने किया।

      समारोह में ख्यातिलब्ध साहित्यकार रमेश शर्मा, वरिष्ठ कवि भागीरथी उपाध्याय, राष्ट्रीय कवि रामगोपाल शुक्ला, बाल साहित्यकार और विचारक श्याम नारायण श्रीवास्तव, कर्मठ, शिक्षा व अन्तर्राष्ट्रीय कलाविद मनोज श्रीवास्तव, वरिष्ठ कवि कला व संगीत गुरु मनहरण सिंह ठाकुर, वरिष्ठ गीतकार कवि प्रदीप उपाध्याय, कन्हैयालाल गुप्ता, अमित शर्मा, धूम कार्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता राघवेंद्र, घनाक्षरी के चितेरे अरविंद सोनी ‘सार्थक’, ओज के हस्ताक्षर डॉ. गुलशन खम्हारी, बांसुरी व चारकोल चित्र के कलाकार युगल किशोर उपाध्याय, शिक्षक नरेंद्र दुबे, नरेश पण्डा, देवेन्द्र कुमार पण्डा, राज्य सम्मान से सम्मानित सजल व छंद मर्मज्ञ श्रीमती अरूणा साहू, छंदज्ञ श्रीमती साधना मिश्रा, काव्यवाटिका संचालिका छंदज्ञ डॉ. आशा मेहर, शिक्षिका एवं मानव कल्याण मंच की संचालिका छंदज्ञ सुश्री सुशीला साहू, छंद कवियित्री श्रीमती लीशा पटेल, हास्य कवियित्री श्रीमती सरोज साहू, छंदज्ञ श्रीमती रजनी वैष्णव, श्रीमती अर्चना षड़ंगी, श्रीमती विभा उपाध्याय, श्रीमती सीमा पटेल, श्रीमती मधु पण्डा, श्रीमती प्रभाषिनी पंडा की गरिमामयी उपस्थिति के साथ ही स्वयं डॉ. गीता उपाध्याय’ मंजरी’ तथा डॉ. सुधा पण्डा ‘प्रज्ञा’ व गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। श्याम नारायण श्रीवास्तव के आभार प्रदर्शन साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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